चिनाब रेल पुल: भारत की इंजीनियरिंग का अद्भुत उदाहरण

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू और कश्मीर में चिनाब रेल पुल का उद्घाटन किया, जो दुनिया का सबसे ऊँचा सिंगल-आर्क रेलवे पुल है। इस पुल के निर्माण में कई चुनौतियाँ थीं, जैसे कि पहाड़ी क्षेत्रों में पहुँच बनाना। जानें इस अद्भुत परियोजना के पीछे की कहानी और इसके महत्व के बारे में।
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चिनाब रेल पुल: भारत की इंजीनियरिंग का अद्भुत उदाहरण

चिनाब रेल पुल का उद्घाटन

Chenab Rail Bridge | चिनाब रेल पुल जम्मू और कश्मीर के रियासी जिले में चेनाब नदी पर स्थित है। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पुल का उद्घाटन किया, जो कि दुनिया का सबसे ऊँचा सिंगल-आर्क रेलवे पुल है। 'सिंगल-आर्क ब्रिज' का अर्थ है एक ऐसा पुल जिसमें दो सहारे के बीच एक निरंतर मेहराब होता है। इस पुल के निर्माण में काफी समय और संसाधनों की आवश्यकता पड़ी है, और इसका एक समृद्ध इतिहास भी है। आइए जानते हैं कि कैसे इस पुल का निर्माण पहाड़ी क्षेत्रों में किया गया।


निर्माण की चुनौतियाँ

कश्मीर से कन्याकुमारी तक रेल यात्रा के सपने को साकार करने के लिए चिनाब पुल के निर्माण में परियोजना टीम को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। इनमें से एक प्रमुख चुनौती थी कि हिमालय की ढलानों से घिरे इस स्थान तक कैसे पहुँचा जाए। टीम के पास केवल घोड़े और खच्चर का विकल्प था। एफकॉन्स इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड, जो इस पुल का निर्माण कर रही थी, ने बताया कि पुल के स्थान तक पहुँचने और निर्माण सामग्री पहुँचाने में कठिनाई आई।


सड़क निर्माण और उद्घाटन

कंपनी के एक प्रवक्ता ने बताया कि प्रारंभ में खच्चरों और घोड़ों का उपयोग किया गया था, लेकिन धीरे-धीरे अस्थायी सड़कें बनाई गईं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में चिनाब पुल, अंजी रेल पुल और उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल लिंक (यूएसबीआरएल) परियोजना का उद्घाटन किया और कटरा से श्रीनगर के बीच वंदे भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई।


अभियान की सफलता

प्रवक्ता ने बताया कि अंततः नदी के उत्तरी किनारे पर 11 किलोमीटर और दक्षिणी किनारे पर 12 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण किया गया। एफकॉन्स के कार्यकारी उपाध्यक्ष कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन ने कहा कि चिनाब रेलवे ब्रिज केवल एक इंजीनियरिंग का चमत्कार नहीं है, बल्कि यह भारत की कठिन चुनौतियों पर विजय पाने के संकल्प का प्रतीक है। इस परियोजना के लिए दुनिया की सबसे ऊँची क्रॉसबार केबल क्रेन और विशेष भारी मशीनरी का उपयोग किया गया।


प्रधानमंत्री का ट्वीट