चांदी की कीमतों में तेजी: अगले साल 2.45 लाख रुपये के पार जाने की संभावना

चांदी की कीमतों में अभूतपूर्व वृद्धि हो रही है, जिससे निवेशकों का ध्यान आकर्षित हुआ है। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले वर्षों में चांदी की कीमतें 2.45 लाख रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच सकती हैं। इस लेख में चांदी की कीमतों में तेजी के कारण, आपूर्ति में कमी, और निवेश के संभावित तरीकों पर चर्चा की गई है। जानें कि कैसे आप इस बढ़ती कीमतों का लाभ उठा सकते हैं।
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चांदी की कीमतों में तेजी: अगले साल 2.45 लाख रुपये के पार जाने की संभावना

चांदी की कीमतों में अभूतपूर्व वृद्धि

चांदी की कीमतों में तेजी: अगले साल 2.45 लाख रुपये के पार जाने की संभावना

चांदी की कीमतों में लगातार तेजी देखने को मिल रही है.

चांदी की कीमतों में अभूतपूर्व वृद्धि ने निवेशकों का ध्यान आकर्षित किया है। पहले कभी इतनी तेजी नहीं देखी गई थी, जिससे चांदी की कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि चांदी की कीमतों में यह वृद्धि जारी रहेगी। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज की रिपोर्ट के अनुसार, चांदी की कीमतें 2027 तक 50 प्रतिशत तक बढ़ सकती हैं, जिससे इसकी कीमतें 51 डॉलर प्रति औंस से बढ़कर 75-77 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच सकती हैं। भारत में, चांदी की कीमतें 2.45 लाख रुपये तक जा सकती हैं।

चांदी में तेजी के कारण

  1. चांदी एक कीमती धातु है, जिसका उपयोग सुरक्षित निवेश के रूप में किया जाता है।
  2. यह एक महत्वपूर्ण औद्योगिक धातु है, जो सौर पैनलों, इलेक्ट्रिक वाहनों, 5G और AI हार्डवेयर के लिए आवश्यक है।
  3. वैश्विक स्तर पर चांदी की मांग का लगभग 60 प्रतिशत औद्योगिक उपयोग के लिए है, खासकर क्लीन एनर्जी और टेक्नोलॉजी में।
  4. रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि चांदी की कीमत 2027 तक 70 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच जाती है, तो भारतीय निवेशकों को अच्छा रिटर्न मिल सकता है।

आपूर्ति में कमी

ग्लोबली चांदी का उत्पादन पिछले सात वर्षों से मांग से कम है, और यह कमी जारी रहने की संभावना है। चांदी का उत्पादन मुख्यतः अन्य धातुओं के बायप्रोडक्ट के रूप में होता है, जिससे बाजार में तंगी बनी रह सकती है।

निवेशकों के लिए संभावनाएं

भारतीय निवेशकों के लिए भविष्य उज्जवल दिख रहा है। चांदी की कीमतें अमेरिकी डॉलर में निर्धारित होती हैं, और 2027 तक रुपये के कमजोर होने की उम्मीद है, जिससे चांदी का रिटर्न बढ़ सकता है। MOFSL का अनुमान है कि चांदी की कीमतें 2,45,000 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच सकती हैं। चांदी की कीमतें सोने की तुलना में तेजी से बढ़ती हैं, जिससे यह निवेश के लिए आकर्षक बनती है।

भारत में चांदी में निवेश का दायरा तेजी से बढ़ रहा है, जो पारंपरिक मांग से आगे बढ़कर संस्थागत और खुदरा निवेश की ओर बढ़ रहा है। चांदी के ईटीएफ ने 2025 में उल्लेखनीय प्रदर्शन किया है, जिसमें 69 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

चांदी में निवेश के तरीके

  1. चांदी ईटीएफ: ये आपके डीमैट अकाउंट से आसानी से खरीदे जा सकते हैं और अंतरराष्ट्रीय चांदी की कीमतों पर नज़र रखते हैं।
  2. फिजिकल सिल्वर (बार या सिक्के): इससे चांदी में डायरेक्ट ओनरशिप मिलती है, लेकिन इसके साथ मेकिंग चार्ज और जीएसटी भी जुड़ते हैं।
  3. एमसीएक्स फ्यूचर्स: अनुभवी व्यापारियों के लिए जो शॉर्ट टर्म अस्थिरता को संभाल सकते हैं।

वायदा बाजार में तेजी

देश के वायदा बाजार में चांदी की कीमतों में बुधवार को भी तेजी देखने को मिली। चांदी ने एक नया रिकॉर्ड बनाते हुए 1,62,500 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई। वर्तमान में, चांदी की कीमत 1,61,058 रुपये प्रति किलोग्राम है, जो इस साल में 86 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्शाती है।