चंडीगढ़ में खतरनाक कुत्तों के पालने पर प्रतिबंध

चंडीगढ़ में खतरनाक कुत्तों की नस्लों के पालने पर पाबंदी लगाई गई है। प्रशासन ने डोगो अर्जेंटिनो, पिटबुल और अन्य नस्लों को रखने पर रोक लगाई है। उल्लंघन करने पर कानूनी कार्रवाई और जुर्माना लगाया जाएगा। जानें इस फैसले के पीछे के कारण और इसके संभावित प्रभावों के बारे में।
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चंडीगढ़ में खतरनाक कुत्तों की नस्लों पर पाबंदी

चंडीगढ़ में अब खतरनाक प्रवृत्ति वाले कुत्तों को पालने पर रोक लगा दी गई है। यह निर्णय चंडीगढ़ पेट एंड कम्युनिटी डॉग बायलाज के अंतर्गत लिया गया है। इसके अनुसार, डोगो अर्जेंटिनो, केन कोरसो, बुल टेरियर, अमेरिकन पिटबुल, पिटबुल टेरियर और अमेरिकन बुल डॉग जैसी नस्लों को रखने की अनुमति नहीं है। यदि कोई व्यक्ति इन नस्लों के कुत्तों को पालता या बेचता हुआ पाया गया, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।


चंडीगढ़ प्रशासन ने जिन कुत्तों के पालने और बिक्री पर रोक लगाई है, वे अत्यधिक खतरनाक माने जाते हैं। इनसे जुड़े कई खतरनाक वीडियो समय-समय पर सामने आते रहते हैं। इनमें पिटबुल नस्ल भी शामिल है, जो अपने काटने के बाद दांतों को लॉक कर लेती है और फिर आसानी से नहीं छोड़ती।


नियमों का उल्लंघन करने पर सजा

चंडीगढ़ पेट एंड कम्युनिटी डॉग बायलाज के तहत, यदि कोई व्यक्ति प्रतिबंधित नस्लों के कुत्तों को पालता या बेचता है, तो उसके खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज किया जाएगा। इसके साथ ही, उस पर जुर्माना भी लगाया जाएगा। इसके अलावा, अन्य नस्लों के कुत्तों का रजिस्ट्रेशन भी अनिवार्य कर दिया गया है, जिसके लिए 500 रुपए की फीस निर्धारित की गई है, जो 5 वर्षों तक मान्य रहेगी। बायलाज के अनुसार, कुत्तों के मालिकों को अपने पालतू जानवरों को नियंत्रण में रखना होगा।


कुत्ते मालिकों की जिम्मेदारी

यदि कुत्ता किसी व्यक्ति या संपत्ति को नुकसान पहुंचाता है, तो उसके मालिक को जिम्मेदार ठहराया जाएगा। इसके लिए पीड़ितों को मुआवजा देने के साथ-साथ हर्जाना भी भरना होगा। इस निर्णय से उम्मीद की जा रही है कि चंडीगढ़ में खतरनाक कुत्तों के हमलों की घटनाएं कम होंगी। बढ़ते कुत्ते के काटने के मामलों को देखते हुए, खतरनाक नस्लों के पालने पर यह प्रतिबंध लगाया गया है। कुछ लोग इस निर्णय का स्वागत कर रहे हैं, जबकि कुछ इसके खिलाफ हैं।