चंडीगढ़ को केंद्र शासित प्रदेश बनाने की अफवाहों पर गृह मंत्रालय का स्पष्टीकरण
केंद्र सरकार ने चंडीगढ़ को संविधान के अनुच्छेद 240 के तहत लाने की संभावनाओं पर बढ़ते राजनीतिक विरोध के बीच गृह मंत्रालय द्वारा एक स्पष्टीकरण जारी किया है। मंत्रालय ने कहा कि यह प्रस्ताव केवल विचाराधीन है और इस पर कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। चंडीगढ़ की मौजूदा शासन व्यवस्था को प्रभावित करने का कोई इरादा नहीं है। पंजाब में इस कदम के खिलाफ व्यापक विरोध हो रहा है, जिसमें विभिन्न राजनीतिक दलों ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है कि वह चंडीगढ़ पर पंजाब के दावे को कमजोर करने की कोशिश कर रही है।
| Nov 23, 2025, 16:07 IST
गृह मंत्रालय का आधिकारिक बयान
केंद्र सरकार ने चंडीगढ़ को संविधान के अनुच्छेद 240 के तहत लाने की संभावनाओं पर बढ़ते राजनीतिक विरोध के बीच एक आधिकारिक स्पष्टीकरण जारी किया है। यह स्पष्टीकरण केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा शनिवार को प्रस्तुत किया गया।
गृह मंत्रालय ने 'एक्स' पर साझा की गई एक पोस्ट में स्पष्ट किया कि चंडीगढ़ के लिए केंद्रीय कानून बनाने की प्रक्रिया को सरल बनाने का विचार केवल प्रारंभिक चरण में है और इस पर कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है।
मंत्रालय ने यह भी बताया कि इस प्रस्ताव का उद्देश्य चंडीगढ़ की मौजूदा शासन व्यवस्था को बदलना या पंजाब और हरियाणा के साथ इसके पारंपरिक संबंधों को प्रभावित करना नहीं है।
बयान में कहा गया, 'यह प्रस्ताव विशेष रूप से केंद्र शासित प्रदेश के लिए कानून बनाने की प्रक्रिया को सुगम बनाने के संदर्भ में है और यह अभी भी केंद्र सरकार के उच्च स्तर पर विचाराधीन है।'
एक पूर्व संसदीय बुलेटिन के अनुसार, इस प्रस्ताव में चंडीगढ़ को विधानसभा रहित अन्य केंद्र शासित प्रदेशों जैसे अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, लक्षद्वीप, दादरा और नगर हवेली, दमन और दीव, और पुडुचेरी के समान श्रेणी में लाने का सुझाव दिया गया था।
इस कदम के खिलाफ पंजाब में व्यापक विरोध प्रदर्शन हुए हैं, जिसमें विभिन्न राजनीतिक दलों ने केंद्र सरकार पर चंडीगढ़ पर पंजाब के लंबे समय से चले आ रहे दावे को कमजोर करने का आरोप लगाया है।
