घुटनों की ग्रीस बढ़ाने के प्राकृतिक उपाय: जानें विशेषज्ञ की सलाह

घुटनों की ग्रीस कैसे बढ़ाएं?

घुटनों की ग्रीस बढ़ाने के उपाय: उम्र बढ़ने के साथ घुटनों में दर्द, अकड़न और चलने के दौरान खट-खट की आवाज आना आम समस्या बन जाती है। हालांकि, अब यह समस्या केवल बुजुर्गों तक सीमित नहीं है, बल्कि युवा भी इससे प्रभावित हो रहे हैं।
इसका मुख्य कारण घुटनों की ग्रीस, यानी लुब्रिकेशन का कम होना है। जब जोड़ों के बीच की ग्रीस घटती है, तो घर्षण बढ़ता है, जिससे दर्द और ऐंठन की समस्या बढ़ जाती है। यदि आप भी इस तरह की समस्याओं का सामना कर रहे हैं, तो यह लेख आपके लिए उपयोगी हो सकता है। यहां हम आपको घुटनों की ग्रीस बढ़ाने के प्राकृतिक तरीकों के बारे में बताएंगे।
नेचुरोपैथी डॉक्टर एन के शर्मा के अनुसार, घुटनों की समस्याएं मुख्यतः दो कारणों से होती हैं: एक, कैल्सिफिक ओस्टियो फैट का जमा होना, जिससे रक्त प्रवाह कमजोर हो जाता है, और दूसरा, कार्टिलेज का घिसना, जिससे साइनोवियल फ्लूइड की कमी होती है। यह फ्लूइड जोड़ों को चिकनाई देता है और घिसाव को कम करता है। जब इसकी कमी होती है, तो घुटनों में दर्द, सूजन और अकड़न हो सकती है।
घुटनों की समस्याओं का समाधान:
डॉक्टर के अनुसार, कम उम्र में घुटनों की समस्याओं का मुख्य कारण शारीरिक गतिविधियों की कमी और अस्वस्थ खानपान है। आजकल लोग अधिक स्टार्च, प्रोटीन और प्रोसेस्ड फूड का सेवन कर रहे हैं, जो शरीर में एसिड का निर्माण करते हैं। यह एसिड रक्त को गाढ़ा कर देता है, जिससे घुटनों में रक्त प्रवाह कम हो जाता है। इसके परिणामस्वरूप पोषण की कमी होती है और घुटने कमजोर हो जाते हैं।
इलाज के उपाय:
डॉक्टर एन के शर्मा का कहना है कि घुटनों की समस्याओं को ठीक करने के लिए रक्त संचार को बढ़ाना आवश्यक है, और इसके लिए खानपान में सुधार करना होगा।
वे सलाह देते हैं कि डाइट में ठोस खाद्य पदार्थों जैसे अन्न, दाल और नॉनवेज का सेवन कम करें और फलों, सलाद, अंकुरित दालों और मेवों का सेवन बढ़ाएं। इसके अलावा, रोजाना हल्की वॉक करने और शरीर को 30 मिनट तक सक्रिय रखने की सलाह देते हैं। आप डांस, योग या सीढ़ियां चढ़ने जैसी गतिविधियों में शामिल हो सकते हैं। सही डाइट से रक्त गाढ़ा नहीं होता और हल्की गतिविधियों से रक्त प्रवाह में सुधार होता है।
डॉक्टर बताते हैं कि खराब आदतें घुटनों की समस्याओं को बढ़ा सकती हैं, जबकि अच्छी आदतें शरीर को खुद को ठीक करने में मदद कर सकती हैं। आपको बस सही वातावरण प्रदान करना है, जैसे कि हेल्दी डाइट और शारीरिक गतिविधियों को बढ़ाना।