ग्लेशियर के पानी का सेवन: स्वास्थ्य विशेषज्ञों की चेतावनी
ग्लेशियर के पानी का सेवन और उसके खतरनाक परिणाम
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में एक व्यक्ति ने लाखों साल पुराना ग्लेशियर का पानी पिया, जो देखने में साफ और क्रिस्टल जैसा लग रहा था। हालांकि, इसके अंदर छिपे प्राचीन बैक्टीरिया ने उसके स्वास्थ्य को गंभीर खतरे में डाल दिया।
वीडियो में एक शख्स ग्लेशियर से पानी भरते हुए नजर आया और उसे पीने लगा। यह वीडियो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से बना हुआ प्रतीत होता है। लेकिन स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने इसे देखकर तुरंत चेतावनी दी। उनके अनुसार, इस पानी का सेवन करने से पेट में असहजता हो सकती है, जो उल्टी और दस्त का कारण बन सकती है।
वीडियो की जानकारी
यह वीडियो इंस्टाग्राम पर हेल्थ एक्सपर्ट doctormyro द्वारा साझा किया गया, जिसमें उन्होंने कहा, “कृपया प्राचीन सूक्ष्मजीवों का सेवन न करें!” यह वीडियो अलास्का के एक ग्लेशियर का है, जहां पर्यटक अक्सर जाते हैं। व्यक्ति ने सोचा कि इतना साफ पानी पीने में कोई हर्ज नहीं है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि ग्लेशियर का पानी लाखों साल पुराना होता है। इसमें मौजूद बैक्टीरिया और वायरस आज की दुनिया से बहुत भिन्न होते हैं। एक अध्ययन के अनुसार, तिब्बत के गुलिया ग्लेशियर में 15,000 साल पुराने जीवाणु पाए गए हैं, जो अब भी जीवित हैं। इसी तरह, एंटार्कटिका के टेलर ग्लेशियर में 2 मिलियन साल पुराने बैक्टीरिया मिले हैं, जो बिना ऑक्सीजन के जीवित रह सकते हैं।
विशेषज्ञों की चेतावनी
doctormyro, जो एक प्रसिद्ध स्वास्थ्य इन्फ्लुएंसर हैं, ने अपने इंस्टाग्राम पर यह वीडियो साझा करते हुए कहा कि ग्लेशियर का पानी दिखने में शुद्ध लगता है, लेकिन वास्तव में यह एक ‘टाइम कैप्सूल’ है। इसमें ऐसे सूक्ष्मजीव होते हैं, जिनसे हमारी इम्यून सिस्टम लड़ नहीं पाती। वीडियो में दिखाया गया कि व्यक्ति ने पानी पिया, लेकिन कुछ घंटों बाद उसे डायरिया, पेट दर्द और डिहाइड्रेशन जैसी समस्याएं हो सकती हैं। डॉक्टरों का कहना है कि यह गियार्डिया या क्रिप्टोस्पोरिडियम जैसे परजीवियों के कारण हो सकता है, जो ग्लेशियर के पास के जानवरों या पुराने प्रदूषण से आते हैं।
