ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर कांग्रेस का विरोध: जयराम रमेश ने उठाए गंभीर सवाल

कांग्रेस का विरोध और जयराम रमेश की प्रतिक्रिया

जयराम रमेश
ग्रेट निकोबार इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट इस समय चर्चा का विषय बना हुआ है, जिसमें कांग्रेस लगातार विरोध जता रही है। इस पर केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने कांग्रेस पर टिप्पणी की है। जयराम रमेश ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है।
रमेश ने कहा कि पर्यावरण और मानवता के लिए खतरे की ओर ध्यान दिलाना नकारात्मक राजनीति नहीं है, बल्कि यह एक गंभीर चिंता का विषय है। उन्होंने यह भी कहा कि मंत्री कांग्रेस के उठाए गए सवालों का उत्तर देने में असमर्थ हैं।
उन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर लिखा कि भूपेंद्र यादव ने कांग्रेस पर नकारात्मक राजनीति का आरोप लगाया है, लेकिन यह चिंता का विषय है।
जयराम रमेश के सवाल
जयराम रमेश ने पूछे सवाल
रमेश ने प्रोजेक्ट से जुड़े कई सवाल उठाए। उन्होंने पूछा कि क्या लाखों पेड़ों की कटाई की अनुमति देने वाला यह प्रोजेक्ट राष्ट्रीय वन नीति का उल्लंघन नहीं करता? उन्होंने कहा कि पेड़ों की कटाई की योजना मजाक जैसी है और यह कैसे स्वीकार्य हो सकती है कि ग्रेट निकोबार की अनोखी बारिश के नुकसान की भरपाई हरियाणा में की जाएगी?
The Union Minister of Environment, Forests, and Climate Change Shri Bhupender Yadav has accused the Indian National Congress of doing what he calls “negative politics” on the Great Nicobar mega infrastructure project.
Drawing the nation’s attention to an imminent ecological and pic.twitter.com/nj67Lz271c
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) September 21, 2025
उन्होंने यह भी पूछा कि राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग से मंजूरी लेने से पहले परामर्श क्यों नहीं किया गया? शोमपेन नीति को नजरअंदाज क्यों किया जा रहा है? क्या यह प्रोजेक्ट द्वीप पर मौजूद प्रजातियों को खतरे में नहीं डालेगा?
भूपेंद्र यादव का जवाब
भूपेंद्र यादव ने दिया जवाब
भूपेंद्र यादव ने कांग्रेस के सवालों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह प्रोजेक्ट राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि इसमें केवल 1.78% वन क्षेत्र का उपयोग होगा।
सोनिया गांधी ने भी इस प्रोजेक्ट को लेकर चिंता जताई थी, जिसमें उन्होंने इसे प्राकृतिक आपदाओं के लिए संवेदनशील बताया। उन्होंने कहा कि यह प्रोजेक्ट शोमपेन और निकोबारी समुदाय के अस्तित्व को खतरे में डाल सकता है।
यादव ने कहा कि यह प्रोजेक्ट हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री और हवाई कनेक्टिविटी को बढ़ावा देगा, जिसमें अंतरराष्ट्रीय कंटेनर ट्रांसशिपमेंट टर्मिनल और ग्रीनफील्ड अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा शामिल है।