ग्रामीण महिलाओं की आय में वृद्धि: मोरिंगा आधारित रोजगार मॉडल

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश के विजन के तहत, मोरिंगा आधारित आजीविका मॉडल ने ग्रामीण महिलाओं को स्थायी रोजगार और आय के नए अवसर प्रदान किए हैं। लखनऊ, अयोध्या, और अन्य जिलों में हजारों महिलाएं मोरिंगा की प्रोसेसिंग से जुड़कर प्रति माह 10,000 रुपये तक कमा रही हैं। इस पहल के माध्यम से न केवल उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है, बल्कि वे अन्य महिलाओं को भी रोजगार के अवसर उपलब्ध करा रही हैं। जानें कैसे यह मॉडल ग्रामीण विकास में योगदान दे रहा है।
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ग्रामीण महिलाओं की आय में वृद्धि: मोरिंगा आधारित रोजगार मॉडल

स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन और आमदनी में वृद्धि

मोरिंगा आधारित आजीविका मॉडल से ग्रामीण महिलाओं को मिल रहा स्थायी रोजगार

महिलाएं अब सवा लाख रुपये तक की आय कर रही हैं, बाजार में उत्पादों की मांग में वृद्धि

लखनऊ,

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश के दृष्टिकोण का प्रभाव अब गांवों में स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है। लखनऊ, अयोध्या, बाराबंकी, सुल्तानपुर और सीतापुर जैसे जिलों में मोरिंगा आधारित आजीविका मॉडल ने ग्रामीण महिलाओं को स्थायी रोजगार और सम्मानजनक आय का अवसर प्रदान किया है। इन क्षेत्रों की एक हजार से अधिक महिलाएं मोरिंगा की पत्तियों, बीजों और छाल की प्राथमिक प्रोसेसिंग से नियमित आय प्राप्त कर रही हैं।
इस पहल का नेतृत्व कर रहीं जेवीकेएस बायो एनर्जी फार्मर प्रोडूसर कंपनी लिमिटेड की निदेशक डॉ. कामिनी सिंह ने बताया कि सीतापुर जिले के सिधौली ब्लॉक के ग्राम गाजीपुर में सीमा देवी, बउआ देवी, शालिनी देवी, ममता देवी, पूनम देवी, प्रियंका, राजकुमारी सहित प्रदेश के अन्य जिलों की सैकड़ों महिलाएं इस मॉडल से जुड़ी हुई हैं। इन्हें प्रतिमाह 10,000 रुपये तक और वार्षिक सवा लाख रुपये तक की आय हो रही है। महिलाओं ने समूह में काम करके गुणवत्ता, पैकेजिंग और समय पर सप्लाई पर ध्यान केंद्रित किया है, जिससे उनके उत्पादों की बाजार में मांग बढ़ी है।

प्राइमरी प्रोसेसिंग यूनिट्स के माध्यम से कार्यान्वयन
यह संपूर्ण प्रोजेक्ट एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड (AIF) के अंतर्गत संचालित किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) के माध्यम से चल रहा है। एफपीओ ने प्राइमरी प्रोसेसिंग यूनिट्स स्थापित की हैं, जहां मोरिंगा की पत्तियों, बीजों और छाल से वैल्यू-एडेड उत्पाद तैयार किए जा रहे हैं। इससे स्थानीय स्तर पर रोजगार का सृजन हुआ है और महिलाओं की आय में कई गुना वृद्धि हुई है।

महिलाओं की भागीदारी में वृद्धि
सीएम योगी के निर्देश पर मोरिंगा के माध्यम से स्थानीय रोजगार को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसकी विशेषता यह है कि घर के पास काम मिलने से महिलाओं की भागीदारी में वृद्धि हुई है।
ग्रामीण महिलाएं पत्तियों की तुड़ाई, सुखाने, ग्रेडिंग और प्रोसेसिंग का प्रशिक्षण लेकर आय अर्जित कर रही हैं। डॉ. कामिनी सिंह के अनुसार, मोरिंगा से टैबलेट, पाउडर, मोरिंगा चाय, हैंडमेड साबुन, मोरिंगा सीड ऑयल, मोरिंगा लड्डू और मोरिंगा बिस्कुट बनाए जा रहे हैं। इसके माध्यम से प्रशिक्षित महिलाएं गांव की अन्य महिलाओं को भी रोजगार के अवसर प्रदान कर रही हैं।