गौतमबुद्ध नगर में अस्पताल सील, किशोर की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई

गौतमबुद्ध नगर के प्यावली गांव में एक किशोर की इलाज के दौरान हुई मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग ने एक निजी अस्पताल को सील कर दिया है। अस्पताल के पास केवल आयुर्वेदिक चिकित्सा का लाइसेंस था, जबकि वहां एलोपैथिक उपचार किया जा रहा था। परिवार के सदस्यों ने डॉक्टर पर गलत इंजेक्शन लगाने का आरोप लगाया है। स्वास्थ्य विभाग ने अस्पताल प्रबंधन को स्पष्टीकरण देने के लिए तीन दिन का समय दिया है। यदि संतोषजनक जवाब नहीं मिला, तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
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गौतमबुद्ध नगर में अस्पताल सील, किशोर की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई

गौतमबुद्ध नगर में अस्पताल पर कार्रवाई

गौतमबुद्ध नगर के प्यावली गांव में एक किशोर की इलाज के दौरान हुई मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। जांच में अनियमितताएं पाए जाने के बाद, संबंधित निजी अस्पताल को सील कर दिया गया है।


इस अस्पताल के पास केवल आयुर्वेदिक चिकित्सा का लाइसेंस था, जबकि वहां एलोपैथिक उपचार किया जा रहा था। स्वास्थ्य विभाग ने अस्पताल को नोटिस जारी कर तीन दिन के भीतर स्पष्टीकरण मांगा है।


गौतम बुद्ध नगर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने शुक्रवार को जानकारी दी कि नरेंद्र कुमार ने स्वास्थ्य विभाग को शिकायत की थी कि उनका भतीजा रजत भाटी चार अक्टूबर को इस निजी अस्पताल में इलाज के लिए गया था।


परिवार के सदस्यों का आरोप है कि डॉक्टर ने गलत इंजेक्शन दिया, जिससे रजत की स्थिति बिगड़ गई और उसकी मृत्यु हो गई। चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि नोडल अधिकारी डॉ. रविंद्र कुमार ने मामले की जांच की और अनियमितताएं पाए जाने पर अस्पताल को तुरंत बंद कर दिया।


अस्पताल प्रबंधन को तीन दिन के भीतर स्पष्टीकरण देने के लिए कहा गया है। यदि जवाब संतोषजनक नहीं मिला, तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी। डॉ. रविंद्र कुमार की अगुवाई में स्वास्थ्य टीम ने मौके पर जाकर देखा कि अस्पताल के पास केवल आयुर्वेदिक चिकित्सा का लाइसेंस था, लेकिन वहां एलोपैथिक दवाएं, एक्स-रे मशीन और हड्डी जोड़ने के उपकरण भी मौजूद थे।