गौतम गंभीर के कोच बनने के बाद टीम इंडिया का टेस्ट प्रदर्शन गिरा
गौतम गंभीर के टीम इंडिया के मुख्य कोच बनने के बाद से भारतीय क्रिकेट टीम का टेस्ट प्रारूप में प्रदर्शन गिरता जा रहा है। आकाश चोपड़ा ने इस पर चिंता जताई है कि यदि टीम इंग्लैंड के खिलाफ आगामी सीरीज में अच्छा प्रदर्शन नहीं करती है, तो गंभीर पर सवाल उठ सकते हैं। उन्होंने गंभीर के कार्यकाल में टीम के प्रदर्शन का विश्लेषण किया और सफेद गेंद वाली क्रिकेट में बेहतर प्रदर्शन की तुलना में टेस्ट क्रिकेट में चुनौतियों का सामना करने की बात की।
Jun 28, 2025, 15:26 IST
|

गौतम गंभीर के कोच बनने के बाद टीम इंडिया की चुनौतियाँ
गौतम गंभीर के टीम इंडिया के मुख्य कोच बनने के बाद से भारत का टेस्ट क्रिकेट में प्रदर्शन काफी कमजोर हुआ है। गंभीर के कार्यभार संभालने के बाद से टीम को लगातार हार का सामना करना पड़ा है। पहले, भारत ने अपने घरेलू मैदान पर न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में हार का सामना किया, फिर ऑस्ट्रेलिया ने भी भारत को अपनी धरती पर हराया। अब इंग्लैंड के खिलाफ 5 मैचों की टेस्ट सीरीज में भारत की शुरुआत भी हार से हुई है।
भारत के इस प्रदर्शन पर पूर्व भारतीय ओपनर आकाश चोपड़ा का मानना है कि यदि टीम इंडिया एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाती है, तो गौतम गंभीर पर सवाल उठ सकते हैं। आकाश ने कहा कि गंभीर को याचिकाकर्ताओं द्वारा जो भी मांग की गई थी, वह सब कुछ दिया गया है, और अब उन पर परिणाम देने का भारी दबाव है।
आकाश चोपड़ा ने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा कि गौतम गंभीर पर बढ़ता हुआ दबाव स्पष्ट है। यदि आप टेस्ट क्रिकेट, यानी रेड बॉल क्रिकेट में उनके प्रदर्शन पर नजर डालें, तो उन्होंने बहुत कम मैच जीते हैं। बांग्लादेश के खिलाफ उन्होंने 2 और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 1 मैच जीता है। उनके कार्यकाल में भारतीय टीम ने न्यूजीलैंड के खिलाफ 3, ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 3 और इंग्लैंड के खिलाफ 1 मैच गंवाया है।
आकाश ने यह भी कहा कि सफेद गेंद वाली क्रिकेट में उनका प्रदर्शन अच्छा रहा है और टीम ने अच्छा खेला है, लेकिन टेस्ट क्रिकेट में सवाल उठने की संभावना है। उन्होंने कहा कि इस सीरीज पर काफी दबाव है। यदि यह सीरीज अच्छी नहीं जाती है, तो सवाल उठेंगे कि टीम का दिशा क्या है और वे क्या कर रहे हैं। मैं चाहता हूं कि टीम इंडिया अच्छा प्रदर्शन करे, लेकिन अगर इंग्लैंड सीरीज में परिणाम संतोषजनक नहीं होते हैं, तो निश्चित रूप से सवाल उठेंगे।