गौतम गंभीर की कोचिंग में भारतीय क्रिकेट की चुनौतियाँ

गौतम गंभीर की कोचिंग में भारतीय क्रिकेट ने कई चुनौतियों का सामना किया है। पिछले एक साल में टीम ने कई रिकॉर्ड बनाए हैं, जो चिंताजनक हैं। क्या गंभीर इस भूमिका में सफल हो पाएंगे? जानें उनके कोचिंग सफर और टीम की असफलताओं के बारे में इस लेख में।
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गौतम गंभीर की कोचिंग में भारतीय क्रिकेट की चुनौतियाँ

गौतम गंभीर का कोचिंग सफर

जब गौतम गंभीर ने राहुल द्रविड़ से टीम इंडिया का चार्ज लिया, तब उनके सामने कई महत्वपूर्ण चुनौतियाँ थीं। भारतीय टीम ने T20 वर्ल्ड कप जीता था और क्रिकेट के सभी प्रारूपों में भारत का दबदबा था। गंभीर ने माना था कि टीम की वर्तमान स्थिति को बनाए रखना उनके लिए सबसे बड़ा परीक्षण होगा। लेकिन क्या वह इस भूमिका में सफल रहे हैं? उत्तर है, नहीं।


टेस्ट क्रिकेट में गंभीर की शुरुआत

गौतम गंभीर की टेस्ट कोचिंग की शुरुआत पिछले साल बांग्लादेश के खिलाफ टेस्ट श्रृंखला से हुई। भारत ने वह श्रृंखला 2-0 से जीती, लेकिन इसके बाद शर्मनाक हारों का सिलसिला शुरू हुआ, जो अब तक जारी है। इस दौरान, रविचंद्रन अश्विन, रोहित शर्मा और विराट कोहली जैसे दिग्गजों ने टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह दिया।


गंभीर की कोचिंग में रिकॉर्ड्स

36 साल बाद भारत को अपने घर पर न्यूजीलैंड से टेस्ट में हार का सामना करना पड़ा। 19 साल बाद टीम इंडिया बेंगलुरु के चिन्नास्वामी में टेस्ट हार गई। पहली बार भारत ने घरेलू मैदान पर 50 रन का आंकड़ा भी नहीं छुआ। टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में पहली बार भारत ने न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट श्रृंखला हारी। 12 साल बाद भारत को अपने घर पर टेस्ट श्रृंखला में हार का सामना करना पड़ा।


गंभीर की कोचिंग में असफलताएँ

गौतम गंभीर की कोचिंग में भारत ने कई रिकॉर्ड बनाए हैं, जो चिंताजनक हैं। 5 शतकों के बावजूद टेस्ट मैच हारने वाली पहली टीम बन गई। भारत ने 92 साल के टेस्ट इतिहास में केवल दूसरी बार 350+ रन का बचाव करने में असफलता का सामना किया। इंग्लैंड के खिलाफ 200 से कम के लक्ष्य का पीछा करने में भी असफल रहे।


आगे की राह

गंभीर की कोचिंग में पिछले एक साल में भारत ने कई असामान्य घटनाओं का सामना किया है। ये आंकड़े उनकी कोचिंग की वास्तविकता को दर्शाते हैं, जिसे छिपाना मुश्किल है। यदि उन्हें इस दाग को कम करना है, तो उन्हें जल्द से जल्द जीत की शुरुआत करनी होगी, खासकर अपने घरेलू मैदान पर।