गौतम अडानी का डिफेंस सेक्टर में 1.8 लाख करोड़ का निवेश

गौतम अडानी, एशिया के दूसरे सबसे अमीर उद्योगपति, ने डिफेंस सेक्टर में 1.8 लाख करोड़ रुपये का निवेश करने की योजना बनाई है। इस निवेश का उद्देश्य अनमैंड सिस्टम और उन्नत हथियारों की क्षमताओं को बढ़ाना है। अडानी डिफेंस एंड एयरोस्पेस ने त्वरित तैनाती की दिशा में कदम बढ़ाया है और 2025 में भारतीय नौसेना और थल सेना के लिए ‘दृष्टि 10 यूएवी’ को शामिल करने की योजना बनाई है। अडानी का लक्ष्य 2026 तक भारत के निजी रक्षा बाजार में 25% हिस्सेदारी हासिल करना है।
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गौतम अडानी का डिफेंस सेक्टर में 1.8 लाख करोड़ का निवेश

गौतम अडानी का नया उद्यम

गौतम अडानी का डिफेंस सेक्टर में 1.8 लाख करोड़ का निवेश

गौतम अडानी.

एशिया के दूसरे सबसे धनी उद्योगपति गौतम अडानी अपने व्यापार का विस्तार कर रहे हैं और विभिन्न क्षेत्रों में कदम रख रहे हैं। अब उनका ध्यान डिफेंस सेक्टर पर है। अडानी ग्रुप अगले वर्ष डिफेंस निर्माण में 1.8 लाख करोड़ रुपये का निवेश करने की योजना बना रहा है। सूत्रों के अनुसार, इस निवेश का उद्देश्य अनमैंड सिस्टम और उन्नत हथियारों की क्षमताओं को बढ़ाना है। अडानी डिफेंस एंड एयरोस्पेस ने 2025 में त्वरित तैनाती की दिशा में कदम बढ़ाया है, और इसके कुछ सैन्य उपकरणों का उपयोग ऑपरेशन सिंदूर में भी किया गया है.


ऑटोनॉमस सिस्टम्स की परिभाषा

सूत्रों के अनुसार, कंपनी अगले साल अनमैंड और ऑटोनॉमस सिस्टम्स, उन्नत गाइडेड हथियार, सेंसर और इलेक्ट्रॉनिक्स, एआई आधारित बहुक्षेत्रीय अभियानों के विकास में निवेश करेगी। ये ऑटोनॉमस सिस्टम्स, जो हवा, समुद्र और जमीन पर कार्य करते हैं, न्यूनतम मानव हस्तक्षेप के साथ संचालित होते हैं, जिससे सैनिकों के लिए जोखिम कम होता है और सैन्य पहुंच का विस्तार होता है.


अडानी के हथियारों की विविधता

अडानी डिफेंस एंड एयरोस्पेस भारत की सबसे बड़ी निजी रक्षा कंपनी बन गई है। इसकी क्षमताएं मानवरहित हवाई और जलीय प्रणालियों, प्रतिरोधी यूएएस समाधान, गाइडेड हथियारों, छोटे हथियारों, गोला-बारूद, और विमान रखरखाव तक फैली हुई हैं। 2025 में, कंपनी के ‘दृष्टि 10 यूएवी’ को भारतीय नौसेना और थल सेना में शामिल किया जाएगा, जो लंबी अवधि के खुफिया, निगरानी और टोही मिशनों के लिए उपयोग होगा.


मार्केट शेयर का लक्ष्य

2026 तक, अडानी का लक्ष्य ड्रोन के माध्यम से वायु, जल और भूमि क्षेत्रों में अपनी सटीक मारक क्षमता को बढ़ाना है। इसके साथ ही, सर्विस और ट्रेनिंग सेंटर्स की संख्या में वृद्धि की जाएगी, और एआई आधारित सिस्टम्स संचालन को बेहतर बनाएंगे। रिपोर्टों के अनुसार, इन पहलों से डिफेंस सेक्टर मजबूत होगा और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। कंपनी का लक्ष्य भारत के निजी रक्षा बाजार में 25% हिस्सेदारी हासिल करना है.