गोविंद देव मंदिर प्रबंधन पर भक्तों की आस्था के साथ खिलवाड़ का आरोप

जयपुर में भक्तों की नाराजगी
जयपुर। जयपुर के गोविंद देव मंदिर में भक्तों की संख्या में कमी आ रही है, जिससे भक्तों की आस्था को ठेस पहुंच रही है। एकादशी जैसे विशेष अवसरों और रविवार की छुट्टियों पर, न केवल जयपुर के लोग, बल्कि आसपास के क्षेत्र से भी भक्त दर्शन के लिए आते हैं।
पुष्पेंद्र भारद्वाज ने कहा कि प्रशासन और मंदिर प्रबंधन ने वीआईपी लोगों को प्राथमिकता देने के लिए आम भक्तों को गोविंद देव के चरणों से 25 फीट दूर कर दिया है। 40 सेकंड के दर्शन को भक्तों की आस्था के साथ खिलवाड़ बताया गया है। उन्होंने प्रशासन से इस निर्णय को वापस लेने और अन्य विकल्प खोजने की अपील की, अन्यथा लाखों भक्त सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर होंगे।
भारद्वाज ने यह भी कहा कि जयपुर के लोग गोविंद देव में गहरी आस्था रखते हैं। एकादशी और रविवार को भक्त अपने राजा से अपनी मन की बात कहने आते हैं, लेकिन वीआईपी को सुविधा देने के कारण आम भक्तों को दूर रखा गया है। बुजुर्ग और चश्मा पहनने वाले भक्तों के लिए 25 फीट की दूरी से दर्शन करना असंभव हो गया है। पहले भक्त सुबह और शाम को भजन कीर्तन करते थे, लेकिन अब प्रशासन ने इसे भी बंद कर दिया है। मंदिर प्रांगण में बैठकर शांति का अनुभव करने का अवसर भी समाप्त हो गया है। उन्होंने मंदिर प्रशासन से अनुरोध किया कि आम जन की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए कोई अन्य विकल्प खोजा जाए, ताकि भक्त अपने भगवान से दूर न हों।