गोवा में IAS अधिकारी की कार चेकिंग पर पुलिसकर्मियों को मिली सजा
IAS अधिकारी की कार चेकिंग पर विवाद
IAS ने की थी वरिष्ठ पुलिस अधिकारी से शिकायत (AI जनरेटेड फोटो )
गोवा से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जिसमें एक IAS अधिकारी की गाड़ी को चेकिंग के लिए रोकने पर पुलिसकर्मियों को गंभीर परिणाम भुगतने पड़े। एसपी ने चेकिंग कर रहे पुलिसकर्मियों को अपने दफ्तर बुलाकर उन्हें उठक-बैठक करने के लिए मजबूर किया। गोवा के पुलिस महानिदेशक (DGP) ने इस कार्रवाई को अनुचित करार दिया है और पुलिसकर्मियों को लोगों के प्रति विनम्रता से पेश आने की सलाह दी है.
ओल्ड गोवा पुलिस और इंडियन रिजर्व बटालियन (IRB) के पुलिसकर्मी सांता क्रूज में नाकाबंदी कर रहे थे, जब उन्होंने एक बिहार रजिस्ट्रेशन नंबर वाली कार को रोकने का प्रयास किया। कार का ड्राइवर, जो खुद को IAS अधिकारी बताता है, ने लाइसेंस दिखाने से इनकार कर दिया और वहां से चला गया। कुछ समय बाद, वह फिर से चेकिंग पॉइंट पर लौट आया.
IAS अधिकारी की शिकायत और पुलिसकर्मियों की सजा
गुस्से में आकर, IAS अधिकारी ने अपनी कार की डिक्की खोली और उसमें से सामान निकालकर सड़क पर फेंक दिया, फिर पुलिसकर्मियों से कहा कि वे अब कार की जांच करें। इस दौरान, उन्होंने एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को फोन कर पूरी घटना की जानकारी दी। वरिष्ठ अधिकारी ने मामले की जांच एसपी हरिश्चंद्र मदकाइकर को सौंपी, जिन्होंने नाकाबंदी पर तैनात पुलिसकर्मियों को अपने कार्यालय बुलाकर उन्हें उठक-बैठक करने के लिए मजबूर किया.
DGP की प्रतिक्रिया
इस घटना के बाद पुलिस विभाग में काफी नाराजगी देखी जा रही है। गोवा के DGP आलोक कुमार ने पुलिसकर्मियों को इस तरह से सजा देने को अनुचित बताया है। उन्होंने एसपी को निर्देश दिया कि उन्हें पुलिसकर्मियों को उठक-बैठक कराने के बजाय ट्रैफिक नियमों का पालन कराना चाहिए। DGP ने नाकाबंदी पर तैनात पुलिस को उचित जानकारी देने और विनम्रता से व्यवहार करने की सलाह दी है, साथ ही स्पष्ट किया कि फिजिकल पनिशमेंट नियमों के खिलाफ है.
