गोवर्धन पूजा 2025: भगवान श्रीकृष्ण की अद्भुत लीला और इंद्र देव का क्रोध

गोवर्धन पूजा का महत्व

गोवर्धन पूजा
गोवर्धन पूजा 2025: गोवर्धन पूजा, जिसे अन्नकूट उत्सव के नाम से भी जाना जाता है, कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष प्रतिपदा को मनाई जाती है। यह पर्व केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं है, बल्कि यह भक्ति, आभार और प्रकृति के प्रति प्रेम का संदेश भी देता है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण की वह घटना याद आती है जब उन्होंने ब्रजवासियों की रक्षा के लिए गोवर्धन पर्वत को उठाया था। यह घटना हमें सिखाती है कि सच्ची पूजा केवल मंत्रों या यज्ञों में नहीं, बल्कि गौमाता, भूमि, पेड़-पौधे और अन्न का सम्मान करने में होती है। गोवर्धन पूजा हमें विनम्रता, आदर और प्रकृति की रक्षा का महत्व सिखाती है।
इंद्र देव का क्रोध और गोवर्धन पूजा
इंद्र देव का क्रोध और गोवर्धन पूजा
कथा के अनुसार, जब भगवान श्रीकृष्ण ने ब्रजवासियों को बताया कि उन्हें इंद्र की पूजा करने के बजाय गोवर्धन पर्वत की पूजा करनी चाहिए, क्योंकि यही वर्षा, अन्न और जीवन के लिए आवश्यक संसाधन प्रदान करता है, तब ब्रजवासियों ने इंद्र-यज्ञ को बंद कर गोवर्धन पर्वत की पूजा शुरू कर दी। इस पर इंद्र देव बहुत नाराज हुए और उनका अहंकार आहत हुआ, क्योंकि उन्होंने सोचा था कि सभी लोग उनकी पूजा करेंगे। इंद्र देव का क्रोध इतना बढ़ गया कि उन्होंने ब्रज पर भारी बारिश शुरू कर दी।
बारिश इतनी तेज थी कि खेत, घर और पशु संकट में आ गए। ब्रजवासियों की जान को खतरा उत्पन्न हो गया और स्थिति गंभीर हो गई। इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि भगवान श्रीकृष्ण ने सच्ची भक्ति और श्रद्धा का महत्व बताया। पूजा का अर्थ केवल देवताओं के लिए यज्ञ करना नहीं, बल्कि प्रकृति और जीवन का सम्मान करना भी है।
भगवान श्रीकृष्ण की लीला
भगवान श्रीकृष्ण की लीला
जब ब्रजवासियों को इंद्र देव की क्रोधित वर्षा से खतरा हुआ, तब भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी कनिष्ठा उंगली पर गोवर्धन पर्वत उठाया। उन्होंने इस पर्वत को सात दिनों तक अपने हाथ में रखकर ब्रजवासियों और उनके पशुओं की रक्षा की। इस अद्भुत लीला से भगवान ने यह संदेश दिया कि सच्ची भक्ति और श्रद्धा का आधार अहंकार नहीं, बल्कि प्रकृति, जीव और जीवन के प्रति सम्मान होना चाहिए। अंततः इंद्र देव ने अपनी गलती स्वीकार की और भगवान श्रीकृष्ण से क्षमा मांगी। यह घटना हमें यह भी सिखाती है कि भक्ति में विनम्रता और सेवा का महत्व सर्वोपरि है।