गोरख मुंडी: एक अद्भुत औषधि के लाभ और उपयोग

गोरख मुंडी, जिसे संस्कृत में कई नामों से जाना जाता है, एक अद्भुत औषधि है जो विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं में लाभकारी है। यह आंखों की रोशनी को बढ़ाने, मानसिक विकारों को ठीक करने और अन्य कई रोगों में उपयोगी मानी जाती है। जानें इसके औषधीय गुण, उपयोग की विधि और सेवन के तरीके।
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गोरख मुंडी: एक अद्भुत औषधि के लाभ और उपयोग

गोरख मुंडी | Sphaeranthus indicus

गोरख मुंडी को संस्कृत में श्रावणी महामुण्डी, अरुणा, तपस्विनी और नीलकदम्बिका जैसे कई नामों से जाना जाता है। यह औषधि अजीर्ण, टीबी, छाती में जलन, मानसिक विकार, अतिसार, वमन, मिर्गी, दमा, पेट में कीड़े, कुष्ठरोग, विष विकार, असमय सफेद बाल, आंखों के रोग आदि में लाभकारी मानी जाती है। इसे बुद्धि को बढ़ाने वाली औषधि भी माना जाता है। इसकी गंध अत्यंत तीखी होती है।


गोरख मुंडी की विशेषताएँ

गोरख मुंडी एक वार्षिक, फैलने वाली वनस्पति है, जो धान के खेतों और अन्य नम स्थानों पर वर्षा के बाद उगती है। यह लसदार, रोमश और सुगंधित होती है। इसके कांड, पत्ते और पुष्प छोटे और मुंडकाकार होते हैं।


औषधीय गुण

गोरख मुंडी के चार ताजे फल चबाकर और दो घूंट पानी के साथ निगलने से आंखों की रोशनी में सुधार होता है। इसके पत्तों का लेप नारू रोग को ठीक करता है। गोरख मुंडी और सौंठ का चूर्ण लेने से आम वात की पीड़ा कम होती है।


गोरख मुंडी का उपयोग

गोरख मुंडी का चूर्ण और नीम की छाल मिलाकर काढ़ा बनाने से कुष्ठ रोग में लाभ होता है। यह गले के लिए भी फायदेमंद है और आवाज को मधुर बनाती है। फोड़े-फुन्सी के लिए इसके बीजों का चूर्ण लाभकारी होता है।


गोरख मुंडी से औषधि बनाने की विधि

गोरख मुंडी का पौधा उखाड़कर उसकी जड़ का चूर्ण बना लें। इसे दूध के साथ सुबह-शाम लें। इसके रस को घी के साथ पकाकर आंखों के लिए उपयोग करें।


सेवन करने का तरीका

गोरख मुंडी की एक गोली सुबह और शाम गर्म दूध के साथ लें। सर्दी में दो गोली लेना फायदेमंद है। यह आंखों की थकावट को कम करती है और अन्य रोगों में भी लाभकारी है।


ध्यान रखें

यह औषधि पाचन शक्ति को बढ़ाती है, इसलिए भोजन समय पर करें। चाय पीने से इसका प्रभाव कम हो सकता है।