गोंडा। गोंडा जिले के धानेपुर थाना क्षेत्र के बनगाई गांव में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। जहां एक आशा बहू द्वारा आत्महत्या करने के आठ दिन बाद, उसके पति ने भी फांसी लगाकर अपनी जान दे दी। परिवार इस समय पत्नी के तेरहवीं संस्कार की तैयारी कर रहा था। मृतक 36 वर्षीय शिवम सिंह ने अपने घर के अंदर दुपट्टे से फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या की।
सूत्रों के अनुसार, पत्नी वंदना सिंह के अंतिम संस्कार के बाद से शिवम बच्चों की देखभाल को लेकर चिंतित थे और पत्नी की मौत का सदमा सहन नहीं कर पा रहे थे। सुबह करीब 10 बजे जब शिवम सिंह अपने कमरे से बाहर नहीं आए, तो परिवार ने दरवाजा खोलने की कोशिश की। दरवाजा अंदर से बंद था, जिसके बाद परिजनों ने धानेपुर थाने की पुलिस को सूचित किया।
पुलिस मौके पर पहुंची और दरवाजा तोड़कर देखा तो शिवम सिंह फांसी के फंदे से लटके हुए थे। धानेपुर पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर पंचनामा तैयार किया और पोस्टमार्टम के लिए गोंडा भेज दिया। पति-पत्नी की आत्महत्या की यह घटना पूरे जिले में चर्चा का विषय बन गई है।
वास्तव में, 30 अक्टूबर की रात को 23 वर्षीय वंदना सिंह ने अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। 31 अक्टूबर की सुबह जब वंदना अपने कमरे से बाहर नहीं आईं, तो परिजनों ने पुलिस की मदद से दरवाजा तोड़ा। तब उन्हें वंदना फांसी के फंदे पर लटकी मिली थीं। उस समय भी पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा था।
पत्नी के आत्महत्या की सूचना मिलने के दो घंटे के भीतर ही शिवम सिंह अयोध्या पहुंचे और उन्होंने अपने हाथों से पत्नी का अंतिम संस्कार किया। अंतिम संस्कार की सभी प्रक्रियाओं का पालन किया जा रहा था, लेकिन तेरहवीं संस्कार से तीन दिन पहले ही उन्होंने आत्महत्या कर ली।
बनगाई गांव के निवासी 36 वर्षीय शिवम सिंह की शादी 2014 में 23 वर्षीय वंदना सिंह से हुई थी। वंदना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मुजेहना में आशा बहू के रूप में कार्यरत थीं, जबकि शिवम दिल्ली में एक फैक्ट्री में काम करते थे।
शिवम सिंह के पीछे एक 6 वर्षीय बेटा वेदांश और 8 वर्षीय बेटी विदांशी हैं, जिनके सिर से अब माता-पिता का साया उठ गया है। घर में अब केवल दादी कोकिला सिंह हैं, जो इन बच्चों की देखभाल करेंगी।
