गैरी कर्स्टन ने 2011 विश्व कप से ज्यादा यादगार माना मोहाली टेस्ट

गैरी कर्स्टन, जो भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कोच हैं, ने 2011 विश्व कप जीत को छोड़कर मोहाली टेस्ट को अपनी सबसे प्रिय याद बताया। उन्होंने वीवीएस लक्ष्मण और इशांत शर्मा की साझेदारी को विशेष रूप से याद किया, जो भारत की एक विकेट से जीत में महत्वपूर्ण थी। कर्स्टन ने गौतम गंभीर की कोचिंग क्षमताओं की भी सराहना की और भारतीय क्रिकेट के भविष्य के प्रति अपनी उम्मीदें व्यक्त की। जानें इस रोमांचक टेस्ट मैच की कहानी और कर्स्टन के अनुभव।
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गैरी कर्स्टन की यादें

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कोच गैरी कर्स्टन, जिन्होंने 2011 में एमएस धोनी की कप्तानी में भारत को विश्व कप जीताने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, ने बताया कि उनके कार्यकाल की सबसे प्रिय याद ट्रॉफी उठाने से नहीं, बल्कि कुछ और थी। एक विशेष बातचीत में, कर्स्टन ने 2008 से 2011 के बीच अपने कोचिंग कार्यकाल के दौरान एक कम ज्ञात लेकिन महत्वपूर्ण क्षण साझा किया।


मोदी टेस्ट की यादें

कर्स्टन ने 2010 के मोहाली टेस्ट में वीवीएस लक्ष्मण और इशांत शर्मा की साझेदारी को 2011 विश्व कप जीत से भी अधिक महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा, "मेरे तीन साल के कार्यकाल में एक महत्वपूर्ण क्षण था जब मैंने इशांत शर्मा को नेट्स में बल्लेबाजी के पैड पहनकर बुलाया और फिर उन्हें ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट मैच में 48 गेंदें खेलने के लिए प्रेरित किया।"


गौतम गंभीर की प्रशंसा

कर्स्टन ने गौतम गंभीर की कोचिंग क्षमताओं की भी सराहना की, खासकर हाल ही में संपन्न एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी में भारत के 2-2 से बराबरी करने के प्रयासों के लिए। उन्होंने कहा, "मैं भारतीय क्रिकेट टीम के लिए खुश हूं कि उन्होंने श्रृंखला बराबर की।"


मोहाली टेस्ट का रोमांच

2010-11 के बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के पहले टेस्ट में, भारत ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एक विकेट से रोमांचक जीत हासिल की। ऑस्ट्रेलिया ने पहले पारी में 428 और दूसरी पारी में 192 रन बनाए, जबकि भारत ने पहले पारी में 405 और चौथी पारी में 216 रन बनाकर जीत हासिल की।


अंतिम क्षण

जब इशांत शर्मा आउट हुए, तब भारत के पास केवल एक विकेट बचा था। अंतिम 3.2 ओवर एक गेंद के खेल में बदल गए, और प्रज्ञान ओझा ने लक्ष्मण के मार्गदर्शन में भारत को जीत दिलाई। यह जीत भारतीय क्रिकेट इतिहास की सबसे यादगार वापसी में से एक मानी जाती है।