गेहूँ के ज्वारे का रस: स्वास्थ्य के लिए चमत्कारी लाभ

स्वास्थ्य के लिए गेहूँ के ज्वारे का महत्व
आजकल की तेज़-तर्रार जीवनशैली में लोगों के पास अपने स्वास्थ्य पर ध्यान देने का समय नहीं है। अनियमित खान-पान के कारण रोगों से लड़ने की क्षमता में कमी आ रही है। लेकिन अगर हम अपने शरीर के प्रति थोड़ी सजगता दिखाएं और नियमित दिनचर्या में सिर्फ पंद्रह मिनट का समय निकालें, तो कई बीमारियों से राहत पा सकते हैं। स्वस्थ रहने का सुख निरोगी शरीर में ही है।
ज्वारे के रस के अद्भुत लाभ
रोगियों को प्रतिदिन चार बड़े गिलास ज्वारे का रस दिया जाता है। जिन रोगियों ने जीवन की आशा छोड़ दी थी, उन्हें भी चमत्कारी लाभ देखने को मिला है। ज्वारे का रस न केवल रोगियों के लिए, बल्कि स्वस्थ व्यक्तियों के लिए भी अत्यधिक लाभकारी है।
कैंसर में गेहूँ के ज्वारे का उपयोग
गेहूँ के ज्वारे को नवरात्रि जैसे उत्सवों में मिट्टी के बर्तनों में बोया जाता है। यह रस, जिसे 'हरा लहू' कहा जाता है, अनेक असाध्य रोगों के उपचार में सहायक सिद्ध हुआ है। इसके सेवन से 350 से अधिक रोगों में सुधार देखा गया है।
गेहूँ के ज्वारे उगाने की विधि
गेहूँ के ज्वारे उगाने के लिए मिट्टी के बर्तनों में खाद मिली मिट्टी का उपयोग करें। प्रतिदिन एक नया बर्तन भरकर गेहूँ बोएं और उन्हें छाया में रखें। ज्वारे को सात इंच तक बढ़ने पर काटकर उपयोग करें।
ज्वारे का रस बनाने की विधि
ज्वारे को काटकर तुरंत धो लें और फिर कूटकर रस निकालें। रस निकालने के बाद इसे तुरंत पिएं। सुबह खाली पेट पीने से अधिक लाभ होता है।
ज्वारे का रस: सस्ता और गुणकारी
ज्वारे का रस दूध और मांस से अधिक गुणकारी है, और यह सस्ता भी है। यह सभी उम्र के लोगों के लिए उपयुक्त है और स्वास्थ्य को पुनः प्राप्त करने में मदद करता है।