गृह मंत्रालय ने गरीब कैदियों के लिए सहायता योजना में सुधार किया
गृह मंत्रालय की नई पहल
गृह मंत्रालय (MHA) ने गरीब कैदियों के लिए सहायता योजना के दिशा-निर्देशों और मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) की समीक्षा की है। यह कदम उन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में योजना के कमजोर क्रियान्वयन को देखते हुए उठाया गया है। इस योजना का उद्देश्य उन कैदियों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है, जो आर्थिक कठिनाइयों के कारण अदालत द्वारा निर्धारित जुर्माना या जमानत राशि का भुगतान नहीं कर पा रहे हैं।
इस योजना की शुरुआत 2023 में हुई थी, और इसके मूल दिशा-निर्देश 19 जून, 2023 को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को जारी किए गए थे। गृह मंत्रालय ने 2 दिसंबर को एक पत्र में स्वीकार किया कि योजना का खराब क्रियान्वयन इसके उद्देश्यों की प्राप्ति में बाधा डाल रहा है। मंत्रालय ने कहा कि प्रक्रियाओं को मजबूत करने के लिए दिशा-निर्देशों और SOP में संशोधन किया गया है।
संशोधित दिशा-निर्देशों का महत्व
गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों, कारागार और सुधार सेवाओं के महानिदेशकों को एक पत्र भेजा है, जिसमें योजना के कार्यान्वयन की कमी का उल्लेख किया गया है। पत्र में कहा गया है कि गरीब कैदियों को सहायता योजना के लिए संशोधित दिशा-निर्देश और SOP संलग्न हैं। सभी संबंधित अधिकारियों से अनुरोध किया गया है कि वे इन संशोधनों को अपनाएं और योजना को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए आवश्यक कदम उठाएं।
इस पत्र में यह भी कहा गया है कि सभी अधिकारियों को दिशानिर्देशों की जानकारी पहुंचाई जाए ताकि संस्थागत अनुपालन सुनिश्चित किया जा सके।
