गूगल का नया ईएलएस फीचर: यूपी में शुरू, जानें कैसे करेगा मदद
गूगल का ईएलएस फीचर

लखनऊ: आजकल लगभग हर व्यक्ति मोबाइल फोन का उपयोग करता है। यदि आप एंड्राइड फोन के यूजर हैं, तो यह जानकारी आपके लिए महत्वपूर्ण है। गूगल ने भारत में एंड्राइड यूजर्स के लिए इमरजेंसी लोकेशन सर्विस (ईएलएस) पेश की है। यह सुविधा सबसे पहले उत्तर प्रदेश में शुरू की गई है और इसे डॉयल 112 इमरजेंसी सेवा से जोड़ा गया है।
कई बार हम मुश्किल हालात में होते हैं, जहां हर पल कीमती होता है। ऐसे में सही लोकेशन बताना एक बड़ी चुनौती बन जाती है। इसी समस्या का समाधान करने के लिए गूगल ने यह नई सुविधा विकसित की है।
ईएलएस की विशेषताएँ
ईएलएस क्या है?
आपको लग सकता है कि यह एक साधारण लोकेशन शेयरिंग फीचर है, लेकिन यह उससे कहीं अधिक है। ईएलएस एक इनबिल्ट सेफ्टी फीचर है, जो एंड्रॉइड 6 और उसके बाद के वर्जन वाले स्मार्टफोन्स में उपलब्ध है। जब भी कोई यूजर इमरजेंसी नंबर डायल करता है या मैसेज भेजता है, यह फीचर सक्रिय हो जाता है। इसमें पुलिस, फायर ब्रिगेड और एंबुलेंस जैसी सेवाएँ शामिल हैं।
इसकी विशेषता क्या है?
क्यों है यह फीचर खास?
जब हम लोकेशन शेयर करते हैं, तो यह हमारे नेटवर्क पर निर्भर करता है। लेकिन ईएलएस में किसी बाहरी एप्लिकेशन की आवश्यकता नहीं होती। यह आपके फोन के जीपीएस, वाई-फाई और मोबाइल नेटवर्क सिग्नल का उपयोग करके आपकी लोकेशन बताता है। दावा किया गया है कि यह 50 मीटर के दायरे में सटीक जानकारी प्रदान कर सकता है।
उत्तर प्रदेश का पायलट प्रोजेक्ट
उत्तर प्रदेश क्यों बना पहला राज्य?
उत्तर प्रदेश में इस फीचर का पायलट प्रोजेक्ट चलाया गया, जिसमें 2 करोड़ से अधिक इमरजेंसी कॉल और मैसेज में ईएलएस ने लोकेशन पहचानने में मदद की। कई मामलों में कॉल कुछ सेकंड में कट गई थी। यूपी पुलिस ने 112 इमरजेंसी सिस्टम के लिए स्थानीय तकनीकी भागीदारों के साथ मिलकर इस फीचर को अपने बैकएंड से जोड़ा है।
प्राइवेसी की सुरक्षा
क्या प्राइवेसी सुरक्षित है?
आपने ईएलएस की विशेषताओं के बारे में जान लिया है। अब सवाल यह है कि क्या आपकी प्राइवेसी सुरक्षित है? गूगल का कहना है कि ईएलएस की प्राथमिकता प्राइवेसी है। यह फीचर केवल इमरजेंसी कॉल के दौरान सक्रिय होता है और लोकेशन डेटा गूगल के पास स्टोर नहीं होता। यह सीधे फोन से इमरजेंसी सेवाओं तक पहुँचता है। इसके अलावा, यह पूरी तरह से मुफ्त है।
