गुवाहाटी विश्वविद्यालय में तकनीकी सुधार: शिक्षा में नई दिशा

गुवाहाटी विश्वविद्यालय का नया युग
हाल ही में, परिणामों की घोषणा में लंबे समय तक देरी ने छात्रों की आकांक्षाओं पर असर डाला था। लेकिन अब, गुवाहाटी विश्वविद्यालय का परिवर्तन, जो समर्थ ई-गवर्नेंस पोर्टल द्वारा संचालित है, इस चुनौती को एक कुशलता के मॉडल में बदल रहा है, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2047 तक विकसित भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप है।
शिक्षा में नवाचार और समानता
आज, असम के शैक्षणिक सुधार, जो गुवाहाटी विश्वविद्यालय की प्रगति से स्पष्ट हैं, तकनीकी नवाचार और समानता को जोड़ते हैं, जिससे राज्य भारत के उच्च शिक्षा परिदृश्य में एक नेता के रूप में उभर रहा है और राष्ट्र के मिशन 2047 में योगदान दे रहा है। ये सुधार राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 पर आधारित हैं, जो पहुंच, गुणवत्ता और जवाबदेही के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं, जिससे भारत के युवाओं के लिए उज्जवल भविष्य सुनिश्चित होता है।
समर्थ पोर्टल का प्रभाव
समर्थ पोर्टल ने गुवाहाटी विश्वविद्यालय में परिणामों की घोषणा को पूरी तरह से बदल दिया है, पुरानी प्रक्रियाओं को एक तीन-स्तरीय सत्यापन प्रणाली से बदल दिया है, जिसमें मूल्यांकनकर्ता, जांचकर्ता और विभागाध्यक्ष शामिल हैं। इससे प्रक्रिया का समय काफी कम हो गया है: बी कॉम 6ठे सेमेस्टर के परिणाम 24 दिनों में (91.16% पास दर), बीए 32 दिनों में (90.54% पास दर), और बीएससी 25 दिनों में (87.25% पास दर) घोषित किए गए। स्नातकोत्तर परिणाम 35 और 32 विभागों में दो सप्ताह से कम समय में संसाधित किए गए।
राज्य नेतृत्व की भूमिका
असम के नेतृत्व, जिसमें गवर्नर लक्ष्मण प्रसाद आचार्य और मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा शामिल हैं, ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आचार्य का सपना है कि असम 2030 तक उच्च शिक्षा का केंद्र बने, जबकि सरमा ने गुवाहाटी विश्वविद्यालय में 250 करोड़ रुपये का निवेश किया है। शिक्षा मंत्री डॉ. रanoj पेगू सुनिश्चित करते हैं कि इन पहलों का समन्वय सही तरीके से हो।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति का महत्व
राष्ट्रीय स्तर पर, NEP 2020 मिशन 2047 के लिए एक आधारशिला है, जिसका उद्देश्य 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र में बदलना है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने NEP की भूमिका को बढ़ाने, वैश्वीकरण और नामांकन को बढ़ाने पर जोर दिया है।
गुवाहाटी विश्वविद्यालय का 32वां दीक्षांत समारोह
25 अप्रैल 2025 को आयोजित 32वें दीक्षांत समारोह में गुवाहाटी विश्वविद्यालय की पहुंच को प्रदर्शित किया गया, जिसमें 3,735 से अधिक छात्रों ने विभिन्न विषयों में डिग्री प्राप्त की। इस कार्यक्रम में असम के गवर्नर, मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री ने भाग लिया।
निष्कर्ष
गुवाहाटी विश्वविद्यालय का यह परिवर्तन दिखाता है कि कैसे तकनीक और नेतृत्व असमानताओं को दूर कर सकते हैं और समानता को बढ़ावा दे सकते हैं। असम के ये सुधार NEP 2020 और मोदी के मिशन 2047 के अनुरूप हैं, जिससे राज्य उच्च शिक्षा में एक संभावित नेता के रूप में उभर रहा है।