गुरुवार को नाखून और बाल काटने के पीछे के कारण

गुरुवार के नियम

गुरुवार के नियम
गुरुवार को नाखून और बाल क्यों नहीं काटे जाते: हिंदू धर्म में हर दिन किसी न किसी देवी-देवता को समर्पित किया गया है, और हर दिन से जुड़ी कुछ विशेष परंपराएं भी हैं। ये परंपराएं सदियों से चली आ रही हैं, और आज भी लोग इनका पालन करते हैं। इनमें से एक परंपरा है कि गुरुवार को बाल नहीं कटवाने चाहिए। धार्मिक ग्रंथों में इस दिन बाल कटवाने, दाढ़ी बनाने और नाखून काटने को अशुभ माना गया है।
इसलिए, आज भी परिवारों में बड़े लोग गुरुवार को बाल कटवाने, दाढ़ी बनाने और नाखून काटने से मना करते हैं। क्या आपने कभी सोचा है कि गुरुवार को बाल कटवाना, दाढ़ी बनवाना और नाखून काटना क्यों वर्जित है? आइए, इसके पीछे के कारणों को समझते हैं।
धार्मिक कारण क्या हैं?
हिंदू धर्म में गुरुवार का दिन भगवान श्री हरि विष्णु को समर्पित माना जाता है। इसे देव गुरु बृहस्पति का दिन भी माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन बाल या नाखून काटने से भगवान विष्णु की कृपा में कमी आ सकती है। इसके अलावा, बृहस्पति देव भी नाराज हो सकते हैं।
नकारात्मक ऊर्जा से जुड़ी मान्यता
इससे जीवन में बाधाएं, आर्थिक समस्याएं और पारिवारिक कलह उत्पन्न हो सकती हैं। हिंदू धर्म में गुरुवार को पवित्र और शुभ दिन माना जाता है। इस दिन शारीरिक और मानसिक शुद्धता आवश्यक होती है। शरीर से निकले हुए बाल और नाखून को अशुद्ध माना जाता है, और इन्हें काटने से शरीर की शुद्धता भंग होती है। इसलिए, इस दिन नाखून और बाल काटना अशुभ माना जाता है।
वैज्ञानिक कारण
गुरुवार को बाल और नाखून काटने के पीछे धार्मिक कारणों के साथ-साथ वैज्ञानिक तर्क भी हैं। शरीर के उंगलियों के आगे का हिस्सा नाजुक होता है, और नाखूनों के जरिए ही इनका बचाव होता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि गुरुवार के दिन ब्रह्मांड से आने वाली सूक्ष्म किरणें मानव शरीर के संवेदनशील अंगों पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती हैं। इसलिए, इस दिन नाखून काटने की मनाही होती है।