गुरुग्राम में हर्बल दवाइयों के नाम पर साइबर ठगी का भंडाफोड़

गुरुग्राम में पुलिस ने एक कॉल सेंटर पर छापा मारकर 11 साइबर ठगों को गिरफ्तार किया है, जो ऑनलाइन हर्बल दवाइयों की बिक्री के नाम पर लोगों से ठगी कर रहे थे। आरोपियों ने पिछले 10 महीनों में कई लोगों को ठगा है। जानें कैसे ये ठग अपने फर्जी कारोबार को चला रहे थे और पुलिस ने उन्हें कैसे पकड़ा।
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गुरुग्राम में हर्बल दवाइयों के नाम पर साइबर ठगी का भंडाफोड़

साइबर ठगों की गिरफ्तारी

Herbal Medicine: हर्बल दवाइयां बेचने के नाम पर ठगी करने वाले कॉल सेंटर का पर्दाफाश, कॉल सेंटर से चार लड़कियों सहित 11 साईबर ठगों को किया गिरफ्तार


गुरुग्राम (सच कहूँ न्यूज़)। पुलिस ने ऑनलाइन हर्बल दवाइयों की बिक्री के नाम पर साइबर ठगी करने वाले एक कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया है। इस कार्रवाई में चार लड़कियों समेत 11 साइबर ठगों को गिरफ्तार किया गया। सहायक पुलिस आयुक्त साइबर प्रियांशु दीवान ने बताया कि ये आरोपी पिछले लगभग 10 महीनों से ठगी की घटनाओं को अंजाम दे रहे थे।


प्रबंधक थाना साइबर पश्चिम गुरुग्राम के नेतृत्व में उप-निरीक्षक सचिन और उनकी टीम को विश्वसनीय सूत्रों से जानकारी मिली कि डुंडाहेड़ा गांव में एक अवैध कॉल सेंटर चलाया जा रहा है। इस कॉल सेंटर के माध्यम से ऑनलाइन हर्बल दवाइयां बेचने के नाम पर लोगों से ठगी की जा रही थी। पुलिस ने इस कॉल सेंटर पर छापा मारकर चार लड़कियों समेत 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया।


गिरफ्तार आरोपियों में अमनदीप, रंजीत कुमार, मोहम्मद कासिम, प्रतुष कुमार मिश्रा, सुशील कुमार, बृजेश शर्मा, अनूप कुमार, राशिका राणा, ईशा, सोनाली कनोजिया और मेघा शामिल हैं। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ थाना साइबर अपराध पश्चिम, गुरुग्राम में मामला दर्ज किया है।


हर्बल दवाइयों का फर्जी कारोबार

डॉ. राजीव दीक्षित के नाम से बिक्री


पुलिस पूछताछ में पता चला कि अमनदीप और रंजीत इस कॉल सेंटर के संचालक हैं। उन्होंने स्व. डॉ. राजीव दीक्षित के नाम से फेसबुक पर एक पेज बनाया था, जहां हर्बल दवाइयों का विज्ञापन किया जाता था। जब लोग इनसे संपर्क करते थे, तो ये उनसे ऑर्डर लेकर पैसे विभिन्न बैंक खातों में जमा करवा लेते थे।


नकली सामान की आपूर्ति


आरोपियों ने लोगों को नकली सामान भेजने के साथ-साथ विभिन्न चार्ज के नाम पर क्यूआर कोड और यूपीआई आईडी के माध्यम से पैसे भी ठगे। पुलिस पूछताछ में यह भी सामने आया कि ये आरोपी पिछले 9-10 महीनों से इस प्रकार की ठगी कर रहे थे। ठगी करने के लिए उन्हें 18-20 हजार रुपए की सैलरी और अधिक बिक्री पर बोनस भी मिलता था।