गुरुग्राम में बारिश के दौरान जलभराव का कारण: सर्वे से मिली जानकारी

गुरुग्राम में जलभराव की समस्या

हर बारिश में गुरुग्राम में होता है जलभराव
हरियाणा का गुरुग्राम हर बार थोड़ी बारिश में ही जाम हो जाता है। हाल के मानसून में भी यह स्थिति देखी गई। जब भी ऐसा होता है, यह सवाल उठता है कि आखिर गुरुग्राम में जलभराव क्यों होता है। अब एक सर्वे से इन सवालों का उत्तर मिला है।
नगर निगम द्वारा कराए गए सर्वेक्षण में यह सामने आया है कि प्राकृतिक तालाबों पर बड़े पैमाने पर अतिक्रमण हुआ है, जो गुरुग्राम में जलभराव का एक मुख्य कारण है।
यह सर्वे पिछले महीने किया गया था, जिसमें शहर के 181 तालाब शामिल थे। सर्वे में पाया गया कि इनमें से लगभग 65 तालाबों पर अवैध कब्जा किया गया है या उन पर निर्माण कर दिया गया है, जिससे बारिश के पानी की निकासी प्रभावित हुई है।
हर बारिश में इस मिलेनियम सिटी के 153 स्थानों पर जलभराव होता है। शोध से पता चला है कि जहां जलभराव होता है, वहां पहले तालाब हुआ करते थे, लेकिन समय के साथ इन तालाबों को पाट दिया गया या उन पर इमारतें बना दी गईं।
तालाबों की स्थिति
गुरुग्राम नगर निगम (MCG) के बागवानी विभाग ने इस सर्वेक्षण को अंजाम दिया। रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि कई तालाबों पर मंदिर और अन्य निर्माण हैं।
जलभराव की समस्या का समाधान
सर्वे की रिपोर्ट के अनुसार, 181 तालाबों में से केवल 33 तालाबों में ही पानी बचा है। तालाबों की कमी से न केवल बारिश का पानी जमा करने की क्षमता कम हुई है, बल्कि शहर में बाढ़ की समस्या भी बढ़ गई है। हल्की बारिश में भी जलभराव हो जाता है, जिससे कई हिस्सों में घुटनों तक पानी जमा हो जाता है।