गुरुग्राम बम विस्फोट मामले में एनआईए ने पांच के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने गुरुग्राम में दिसंबर 2024 में हुए बम विस्फोटों के सिलसिले में पांच व्यक्तियों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया है। इसमें कनाडा में स्थित आतंकवादी गोल्डी बरार का नाम शामिल है। एनआईए की जांच में यह पता चला है कि ये हमले बीकेआई द्वारा सांप्रदायिक तनाव उत्पन्न करने की एक साजिश का हिस्सा थे। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और एनआईए की कार्रवाई के बारे में।
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गुरुग्राम बम विस्फोट मामले में एनआईए ने पांच के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की

गुरुग्राम में बम हमलों की जांच में एनआईए की कार्रवाई

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने हरियाणा के गुरुग्राम में दिसंबर 2024 में हुए बम विस्फोटों के मामले में पांच व्यक्तियों के खिलाफ आरोपपत्र पेश किया है। इनमें कनाडा में स्थित आतंकवादी सतिंदरजीत सिंह, जिसे गोल्डी बरार के नाम से जाना जाता है, शामिल है। वह प्रतिबंधित बब्बर खालिस्तानी इंटरनेशनल (बीकेआई) संगठन का एक प्रमुख सदस्य है। आधिकारिक जानकारी के अनुसार, आरोपपत्र भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूए(पी) अधिनियम), विस्फोटक पदार्थ अधिनियम और शस्त्र अधिनियम के विभिन्न धाराओं के तहत दायर किया गया है।


एनआईए ने आरोप लगाया है कि गोल्डी बरार के साथ सचिन तालियान और अंकित भाविश रणदीप सिंह उर्फ ​​रणदीप मलिक भी शामिल हैं, जो अमेरिका में निवास करते हैं। तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि गोल्डी बरार और रणदीप मलिक अभी भी फरार हैं। यह मामला 10 दिसंबर, 2024 को गुरुग्राम के सेक्टर-29 में वेयरहाउस क्लब और ह्यूमन क्लब में हुए बम विस्फोटों से संबंधित है। एनआईए की जांच से पता चला है कि ये हमले बीकेआई द्वारा सांप्रदायिक तनाव उत्पन्न करने और क्षेत्र को अस्थिर करने की एक सुनियोजित साजिश का हिस्सा थे।


एजेंसी ने यह भी बताया कि गोल्डी बरार और उसके सहयोगियों का आतंकी सिंडिकेट जबरन वसूली, आतंकी वित्तपोषण और हथियारों तथा विस्फोटकों की खरीद में संलग्न रहा है। एनआईए का कहना है कि इनका उद्देश्य भारत की अखंडता, सुरक्षा और संप्रभुता को कमजोर करना और भय फैलाना है। जांच अभी भी जारी है, क्योंकि एनआईए साजिश में शामिल विस्तृत नेटवर्क की पड़ताल कर रही है।