गुरुग्राम पुलिस ने 10 बांग्लादेशी नागरिकों को अवैध रूप से हिरासत में लिया

गुरुग्राम पुलिस ने शनिवार को दस बांग्लादेशी नागरिकों को अवैध रूप से हिरासत में लिया, जिसके बाद AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इस कार्रवाई की निंदा की। उन्होंने कहा कि बांग्ला बोलने वाले मुस्लिम नागरिकों को निशाना बनाना अन्याय है। ओवैसी ने आरोप लगाया कि भारतीय नागरिकों को बंदूक की नोक पर बांग्लादेश में धकेलने की घटनाएं भी सामने आई हैं। इस मामले में पुलिस की कार्रवाई की वैधता पर सवाल उठाए गए हैं।
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गुरुग्राम पुलिस ने 10 बांग्लादेशी नागरिकों को अवैध रूप से हिरासत में लिया

गुरुग्राम में बांग्लादेशी नागरिकों की गिरफ्तारी

गुरुग्राम पुलिस ने शनिवार को शहर में अवैध रूप से रह रहे दस बांग्लादेशी नागरिकों को हिरासत में लिया। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, हिरासत के दौरान मिले दस्तावेजों ने उनकी बांग्लादेशी पहचान की पुष्टि की।


पुलिस का बयान

गुरुग्राम पुलिस के PRO संदीप कुमार ने कहा, "दस अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों को हिरासत में लिया गया है। उनके पास से बांग्लादेशी दस्तावेज बरामद हुए हैं। उन्हें निर्वासित करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।"


ओवैसी का विरोध

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने शनिवार को देशभर में बांग्ला बोलने वाले मुस्लिम नागरिकों की गिरफ्तारी की निंदा की। उन्होंने कहा कि उन्हें अवैध बताना और निशाना बनाना अन्याय है, क्योंकि वे एक हाशिए पर रहने वाले समूह से हैं और पुलिस की ज्यादतियों के खिलाफ आवाज नहीं उठा सकते।


गंभीर आरोप

ओवैसी ने यह भी बताया कि भारतीय नागरिकों को बंदूक की नोक पर बांग्लादेश में धकेलने की घटनाएं सामने आई हैं। उन्होंने कहा, "भारत के विभिन्न हिस्सों में पुलिस बांग्ला बोलने वाले मुस्लिम नागरिकों को अवैध रूप से हिरासत में ले रही है और उन्हें बांग्लादेशी बता रही है।"


गिरफ्तारी की वैधता पर सवाल

उन्होंने आगे कहा, "पुलिस के पास किसी विशेष भाषा बोलने के कारण लोगों को हिरासत में लेने का अधिकार नहीं है। ये व्यापक गिरफ्तारी अवैध हैं।" ओवैसी ने अपने X अकाउंट पर गुरुग्राम के जिला मजिस्ट्रेट के कार्यालय का एक आदेश भी साझा किया, जिसमें बांग्लादेशी नागरिकों और रोहिंग्याओं के निर्वासन के लिए मानक संचालन प्रक्रिया जारी की गई है।