गुरु नानक जयंती 2025: भाई मर्दाना की अनोखी मित्रता और संगीत का सफर

गुरु नानक जयंती 2025 के अवसर पर, हम गुरु नानक जी और उनके पहले शिष्य भाई मर्दाना की अनोखी मित्रता की कहानी पर ध्यान केंद्रित करते हैं। भाई मर्दाना का संगीत में योगदान और उनकी गुरु के प्रति भक्ति इस जयंती के महत्व को और बढ़ाते हैं। जानें कैसे दोनों की दोस्ती ने धर्म की सीमाओं को पार किया और सिख धर्म की नींव रखी।
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गुरु नानक जयंती 2025: भाई मर्दाना की अनोखी मित्रता और संगीत का सफर

गुरु नानक जयंती 2025

गुरु नानक जयंती 2025: भाई मर्दाना की अनोखी मित्रता और संगीत का सफर

गुरु नानक जयंती 2025

गुरु नानक जयंती 2025: कल गुरु नानक जी की जयंती मनाई जाएगी। गुरु नानक देव जी ने सिख धर्म की नींव रखी और वे पहले गुरु माने जाते हैं। इस दिन को गुरु पर्व के नाम से भी जाना जाता है। गुरुद्वारों में इस अवसर पर अखंड पाठ का आयोजन होता है और लंगर की सेवा की जाती है। गुरु नानक जी के सबसे करीबी मित्र और पहले शिष्य भाई मर्दाना की कहानी भी महत्वपूर्ण है। उनका जन्म एक मुस्लिम परिवार में हुआ था।

गुरु नानक देव जी की यात्रा के दौरान भाई मर्दाना हमेशा उनके साथ रहते थे। उनके संगीत में भाई मर्दाना की गहरी छाप देखने को मिलती है। दोनों का जन्म एक ही गांव तलवंडी में हुआ, जो पाकिस्तान के ननकाना साहिब में स्थित है। गुरु नानक जी और भाई मर्दाना की दोस्ती बचपन से ही थी, जहां भाई मर्दाना गुरु नानक जी से बड़े थे और एक गरीब मुस्लिम मरासी परिवार से संबंध रखते थे।

भाई मर्दाना का संगीत कौशल

भाई मर्दाना का परिवार संगीत से जुड़ा हुआ था, जबकि गुरु नानक जी एक अमीर खानदान से थे। लेकिन उनकी दोस्ती ने धर्म और सामाजिक भेदभाव को पार कर लिया। भाई मर्दाना की संगीत में गहरी रुचि थी और वे अद्भुत रबाब बजाते थे, जो सुनने वालों को मंत्रमुग्ध कर देता था।

मित्रता का गहरा बंधन

समय के साथ, दोनों की मित्रता और भी मजबूत होती गई। भाई मर्दाना गुरु नानक जी के हर सफर में उनके साथ रहते थे। उनका संबंध न केवल मित्रता का था, बल्कि आध्यात्मिक रूप से भी जुड़ा हुआ था। भाई मर्दाना ने गुरु नानक जी की शिक्षाओं को फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और उनके रबाब की धुन के साथ गुरु की वाणी को संगीतबद्ध किया।

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