गुरु गोविंद सिंह जयंती 2025: सिख धर्म के 10वें गुरु का जीवन और योगदान
गुरु गोविंद सिंह जयंती 2025
गुरु गोविंद सिंह जयंती 2025
गुरु गोविंद सिंह जयंती 2025: सिख धर्म में गुरु गोविंद सिंह की जयंती एक महत्वपूर्ण पर्व है। इसे श्रद्धा और सम्मान के साथ मनाया जाता है। गुरु गोविंद सिंह, जो सिखों के 10वें गुरु थे, ने खालसा पंथ की स्थापना की और अपने जीवन में धर्म और सत्य के मार्ग पर चलकर मानवता की सेवा की।
हर साल पौष माह की सप्तमी तिथि को गुरु गोविंद सिंह जी की जयंती मनाई जाती है। 2025 में यह पर्व 6 जनवरी को मनाया गया था, लेकिन आज फिर से इसे मनाया जा रहा है। आइए जानते हैं कि पटना में जन्मे गोबिंद राय कैसे सिखों के 10वें गुरु बने।
1666 में पटना में जन्म
गुरु गोविंद सिंह एक महान दार्शनिक, कवि, और निर्भीक योद्धा थे। उनका जन्म 1666 में पटना में हुआ था, और उनका बचपन का नाम गोबिंद राय था। वे गुरु तेग बहादुर और माता गुजरी के इकलौते पुत्र थे। 1699 में, उन्होंने बैसाखी के दिन खालसा पंथ की स्थापना की।
गुरु गोविंद सिंह ने एक सभा में अपनी तलवार निकालकर उन लोगों को आमंत्रित किया जो धर्म की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति देने को तैयार थे। इस पर लाहौर के दयाराम, उत्तर प्रदेश के धरम राय, ओडिशा के भाई हिम्मत राय, और अन्य ने आगे बढ़कर अपनी हिम्मत दिखाई।
पंजप्यारे का गठन
गुरु गोविंद सिंह ने इन पांचों को ‘पंजप्यारे’ का नाम दिया। उन्होंने एक कड़ाहे में जल और शक्कर मिलाकर उन्हें अमृत पान कराया। इसके बाद, उन्होंने सभी के नाम बदलकर ‘सिंह’ उपनाम दिया। नगर कीर्तन में इन ‘पंजप्यारों’ को विशेष स्थान दिया जाता है।
खालसा पंथ के सिद्धांत
गुरु गोविंद सिंह ने खालसा पंथ के पांच मूल सिद्धांत भी स्थापित किए, जिनमें केस, कंघा, कड़ा, कछ, और किरपाण शामिल हैं। ये सिद्धांत चरित्र निर्माण के लिए महत्वपूर्ण हैं और व्यक्ति को विपरीत परिस्थितियों में संघर्ष करने की प्रेरणा देते हैं।
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