गुजरात से लाई गई गायों की बिक्री पर एजेपी का सीबीआई जांच की मांग

असम जातीय परिषद (एजेपी) ने गुजरात के गिर से लाई गई 90 गायों की बिक्री को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। एजेपी ने इस मामले की सीबीआई जांच की मांग की है, जिसमें भाजपा के एक मंत्री की पत्नी और कुछ विधायकों का नाम शामिल है। एजेपी के अध्यक्ष लुरिनज्योति गोगोई ने असम सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा कि गायों की बिक्री से संबंधित कई अनियमितताएं सामने आई हैं। उन्होंने इस मामले में पारदर्शिता और जवाबदेही की आवश्यकता पर जोर दिया है।
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गुजरात से लाई गई गायों की बिक्री पर एजेपी का सीबीआई जांच की मांग

गायों की बिक्री पर गंभीर आरोप

असम जातीय परिषद (एजेपी) ने आरोप लगाया है कि गुजरात के गिर से लाई गई 90 गायें भाजपा के एक मंत्री की पत्नी, एक सांसद और कुछ विधायकों को बेची गईं। एजेपी ने इस मामले की सीबीआई जांच की मांग की है।


एजेपी के अध्यक्ष लुरिनज्योति गोगोई ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में असम सरकार पर 2021 में शुरू की गई गोरुखुटी बहुउद्देशीय कृषि परियोजना में व्यापक भ्रष्टाचार का आरोप लगाया।


गोगोई ने कहा कि असम में हाल ही में कई अनियमितताएं सामने आई हैं, जिसमें सार्वजनिक धन का दुरुपयोग और पवित्र गाय के साथ अपवित्रता का मामला भी शामिल है।


उन्होंने इसे केवल प्रशासनिक विफलता नहीं, बल्कि अनैतिक और अमानवीय कृत्य बताया, जिसने लाखों लोगों की आध्यात्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई है।


गोगोई ने बताया कि यह मामला जुलाई 2021 में शुरू की गई गोरुखुटी परियोजना से संबंधित है, जिसके तहत गुजरात से 300 गिर गायों की खरीद की गई थी।


हालांकि, अब गंभीर आरोप सामने आए हैं कि 2-3 अप्रैल, 2022 को रंगिया रेलवे स्टेशन पर लाए जाने के बाद 90 गायें लापता हो गईं। मुख्यमंत्री और परियोजना अध्यक्ष के बयानों में विरोधाभास ने जनता के संदेह को बढ़ा दिया है।


विपक्षी नेता ने कहा कि असम के लोग पारदर्शिता और जवाबदेही के हकदार हैं। उन्होंने कहा कि पवित्र गायों को व्यावसायिक वस्तु नहीं बनाना चाहिए।


गोगोई ने सीबीआई से गोरुखुटी परियोजना के तहत गायों की खरीद, संरक्षण, वितरण और उनकी बिक्री या गायब होने की पूरी जांच कराने की अपील की। साथ ही, उन्होंने सब्सिडी वितरण और संबंधित संस्थाओं के वित्तीय रिकॉर्ड की फोरेंसिक ऑडिट कराने का भी अनुरोध किया।