गुजरात कांग्रेस की जन आक्रोश यात्रा: किसानों और आम लोगों की समस्याओं को उठाने का प्रयास
गुजरात कांग्रेस की नई पहल
गुजरात कांग्रेस ने अपनी किसान आक्रोश यात्रा के समापन के बाद मतदाताओं से जुड़ने के लिए नए प्रयास शुरू करने का निर्णय लिया है। पार्टी ने रविवार को घोषणा की कि यह यात्रा उत्तरी गुजरात के धीमा से 21 नवंबर को शुरू होगी, जिसका उद्देश्य विभिन्न मुद्दों पर जागरूकता फैलाना है। यात्रा थराद, दीसा, दंतीवाड़ा, पालनपुर, अमीरगढ़, वडगाम, अंबाजी, खेडब्रह्मा, इडर, हिम्मतनगर, प्रांतिज, शामलाजी, देहगाम, चिलोदा, गांधीनगर, मनसा, विजापुर, मेहसाणा, विसनगर, उंझा, खेरालु, सिद्धपुर, पाटन, राधनपुर और बेचराजी जैसे कई शहरों को कवर करेगी और 3 दिसंबर को समाप्त होगी।
यात्रा का उद्देश्य
गुजरात कांग्रेस के अध्यक्ष अमित चावड़ा और विधायक दल के नेता डॉ. तुषार चौधरी ने बताया कि यह यात्रा पिछले तीन दशकों से भाजपा के शासन के खिलाफ जनता की समस्याओं को उजागर करेगी। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि वे सभी वर्गों की चिंताओं को सामने लाने और 2027 में राज्य में बदलाव लाने के लिए एक परिणाम-उन्मुख संघर्ष का आश्वासन दिया। पार्टी ने यह स्पष्ट किया कि यह यात्रा केवल राजनीतिक प्रचार नहीं है, बल्कि यह सुनिश्चित करने का प्रयास है कि जनता के मुद्दे सरकार तक पहुँचें। यात्रा के दौरान, पार्टी किसानों, महिलाओं, युवाओं और अन्य शोषित वर्गों के साथ संवाद करने और उन्हें अपनी समस्याएँ साझा करने के लिए एक 'सार्वजनिक मंच' प्रदान करने की योजना बना रही है।
भाजपा की नीतियों पर सवाल
चावड़ा ने कहा, "गुजरात में भाजपा की नीतियाँ और व्यवहार पिछले तीन दशकों से लोगों को गुलाम बनाने और उनका शोषण करने के समान हैं। वर्तमान में गुजरात में 'भय, भूख और भ्रष्टाचार' का बोलबाला है, क्योंकि नौकरशाही के नियम लोगों के संवैधानिक अधिकारों पर भारी पड़ रहे हैं।"
