गुजरात और जम्मू-कश्मीर में आपात स्थिति के लिए मॉक ड्रिल का आयोजन

गुजरात और जम्मू-कश्मीर में शनिवार को आपात स्थिति की तैयारियों को मजबूत करने के लिए 'ऑपरेशन शील्ड' के तहत मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। इस अभ्यास में विभिन्न जिलों में 'ब्लैकआउट' किया गया और कई गतिविधियों का अनुकरण किया गया। जानें इस महत्वपूर्ण अभ्यास के बारे में और इसके पीछे के उद्देश्यों के बारे में।
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गुजरात और जम्मू-कश्मीर में आपात स्थिति के लिए मॉक ड्रिल का आयोजन

आपात स्थिति के लिए तैयारियों का अभ्यास

गुजरात और जम्मू-कश्मीर में शनिवार को आपात स्थिति की तैयारियों और प्रतिक्रिया क्षमताओं को मजबूत करने के लिए 'ऑपरेशन शील्ड' के तहत मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। अधिकारियों ने इस संबंध में जानकारी साझा की।


राजकोट, कच्छ, पाटन, मोरबी, बनासकांठा, छोटा उदयपुर और नडियाद सहित 18 जिलों के कुछ क्षेत्रों में 'ब्लैकआउट' किया गया। एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि अहमदाबाद के शाहीबाग के सदर बाजार छावनी में भी मॉक ड्रिल का आयोजन हुआ।


इस अभ्यास में स्वयंसेवकों की भागीदारी, हवाई हमलों का अनुकरण, संचार प्रणाली का सक्रियण, 'ब्लैकआउट', रक्तदान शिविर और निकासी प्रक्रियाओं का आयोजन किया गया।


यह अभ्यास 'ऑपरेशन सिंदूर' के कुछ दिन बाद किया गया था। 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने 6 मई की रात को 'ऑपरेशन सिंदूर' शुरू किया, जिसमें पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर और पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों को नष्ट किया गया।


अधिकारियों ने बताया कि श्रीनगर में मॉक ड्रिल के दौरान रात 8 बजे से सवा 8 बजे तक 'ब्लैकआउट' रखा गया, जिसमें सरकारी इमारतों, घरों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों की लाइटें बंद कर दी गईं।


श्रीनगर के लाल चौक सिटी सेंटर में भी ऐतिहासिक घंटाघर सहित लाइटें बंद की गईं।


15 मिनट की अवधि के लिए व्यावसायिक गतिविधियों, वाहनों की आवाजाही और सामान्य संचालन को रोक दिया गया। 'ऑपरेशन शील्ड' के तहत राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) और नागरिक सुरक्षा के सहयोग से जिला प्रशासन द्वारा की गई मॉक ड्रिल का उद्देश्य आपात स्थितियों के लिए तैयारियों को मजबूत करना था।


इस अभ्यास में एसडीआरएफ, स्वास्थ्य विभाग, अग्निशामक और आपातकालीन सेवाओं के विशेषज्ञों के साथ-साथ बड़ी संख्या में छात्रों और स्थानीय निवासियों ने भाग लिया।