गुजरात अदालत ने कांग्रेस के नेताओं को विवादास्पद वीडियो हटाने का आदेश दिया

गुजरात के अहमदाबाद में एक अदालत ने कांग्रेस पार्टी और उसके चार नेताओं को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गौतम अडानी से जुड़े विवादास्पद वीडियो को सोशल मीडिया से हटाने का आदेश दिया है। अदालत ने कहा कि इस वीडियो के प्रसार से पार्टी की प्रतिष्ठा को गंभीर नुकसान हो सकता है। यह आदेश अडानी एंटरप्राइजेज द्वारा दायर मानहानि के मुकदमे के दौरान दिया गया। वीडियो में मोदी और अडानी के बीच बातचीत का दावा किया गया है, जिसे 'डीपफेक' बताया गया है।
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गुजरात अदालत ने कांग्रेस के नेताओं को विवादास्पद वीडियो हटाने का आदेश दिया

अहमदाबाद की अदालत का महत्वपूर्ण निर्णय

गुजरात के अहमदाबाद में एक अदालत ने कांग्रेस पार्टी और उसके चार प्रमुख नेताओं को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उद्योगपति गौतम अडानी से संबंधित कथित 'डीपफेक' और मानहानिकारक वीडियो को सोशल मीडिया से हटाने का आदेश दिया है। अदालत ने कहा कि इस वीडियो के प्रसार से पार्टी की प्रतिष्ठा को गंभीर और अपूरणीय नुकसान हो सकता है। यह अंतरिम आदेश 18 दिसंबर को अतिरिक्त सिविल जज श्रीकांत शर्मा की अदालत ने अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड द्वारा दायर मानहानि के दीवानी मुकदमे की सुनवाई के दौरान जारी किया। अदालत ने कांग्रेस के नेताओं जयराम रमेश, सुप्रिया श्रीनाते, पवन खेड़ा और उदय भानु चिब को 48 घंटों के भीतर सभी डिजिटल प्लेटफार्मों से विवादित वीडियो हटाने का निर्देश दिया।


यह विवादित वीडियो 17 दिसंबर को कांग्रेस पार्टी के आधिकारिक हैंडल पर अपलोड किया गया था, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी और गौतम अडानी के बीच बातचीत का दावा किया गया था। वीडियो के कैप्शन में लिखा था, 'मोदी-अडानी भाई भाई, देश बेचकर खाई मलाई।' शिकायतकर्ता के अनुसार, यह वीडियो 'डीपफेक' है और इसमें अडानी समूह और उसके प्रमोटर के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए गए हैं। अडानी एंटरप्राइजेज ने कहा कि यह सामग्री मनगढ़ंत और जानबूझकर उनकी दशकों की मेहनत से बनाई गई प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के लिए प्रसारित की गई थी।