गिरिराज सिंह ने मौलाना अरशद मदनी पर साधा निशाना, भड़काऊ बयानों का लगाया आरोप
गिरिराज सिंह की आलोचना
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी की आलोचना करते हुए कहा कि वह अक्सर भड़काऊ टिप्पणियाँ करते हैं और जिन्ना से जुड़े विचारों को दोहराते हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत एपीजे अब्दुल कलाम और ज़ाकिर हुसैन जैसे नेताओं का सम्मान करता है और भड़काऊ भाषण देने वालों को स्वीकार नहीं करेगा।
सिंह ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, "मदनी साहब हमेशा विद्रोही तेवर में रहते हैं और भड़काऊ बयान देते हैं। ऐसा लगता है कि वे जिन्ना के समर्थक हैं। अब्दुल कलाम और ज़ाकिर हुसैन जैसे लोग हमारे आदर्श हैं। मदनी साहब को ऐसी भाषा का प्रयोग नहीं करना चाहिए। यह देश भड़काऊ भाषण देने वालों को कभी स्वीकार नहीं करेगा।"
मदनी का बयान
यह बयान शनिवार को आया, जब अरशद मदनी ने भारत में मुसलमानों के सामने आने वाली चुनौतियों पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि विभिन्न रूपों में भेदभाव जारी है और आजम खान जैसे व्यक्तियों को जेल भेजे जाने का उदाहरण दिया। मदनी ने दिल्ली में आतंकवादी हमले के मामले में अल-फलाह विश्वविद्यालय के डॉक्टरों की संलिप्तता का भी उल्लेख किया।
उन्होंने भारत की स्थिति की तुलना विदेशों में हो रहे घटनाक्रमों से की, जैसे न्यूयॉर्क में ज़हरान ममदानी और लंदन में सादिक खान जैसे मुस्लिम मेयरों के चुनाव। मदनी ने कहा कि ये उदाहरण इस धारणा को झुठलाते हैं कि दुनिया भर में मुसलमान असहाय और बंजर हो गए हैं।
मुसलमानों की स्थिति पर मदनी के आरोप
मदनी ने यह भी आरोप लगाया कि भारत में कोई मुसलमान विश्वविद्यालय का कुलपति नहीं बन सकता। उन्होंने कहा कि अगर कोई बन भी गया, तो उसे जेल भेज दिया जाएगा, जैसा कि आज़म खान के मामले में हुआ। उन्होंने कहा, "दुनिया सोचती है कि मुसलमान असहाय हैं।"
मदनी ने उदाहरण देते हुए कहा कि न्यूयॉर्क में एक मुस्लिम मेयर बन सकता है, जबकि भारत में कोई भी विश्वविद्यालय का कुलपति नहीं बन सकता। इसके अलावा, उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि मुसलमान कभी अपना सिर न उठा सकें।
