गिरिराज सिंह की विवादास्पद टिप्पणी: जम्मू-कश्मीर में विस्फोटक बरामदगी पर मुस्लिम समुदाय पर सवाल

जम्मू-कश्मीर पुलिस ने फरीदाबाद से विस्फोटक सामग्री बरामद की, जिसके बाद केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने मुस्लिम समुदाय पर विवादास्पद टिप्पणी की। उन्होंने इस मामले को 1993 के मुंबई बम धमाकों से जोड़ा और विपक्षी नेताओं की चुप्पी पर सवाल उठाया। गिरिराज सिंह ने कहा कि आतंकवाद से जुड़े मामलों में आरोपी हमेशा एक ही समुदाय से होते हैं। इस घटना ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है।
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गिरिराज सिंह की विवादास्पद टिप्पणी: जम्मू-कश्मीर में विस्फोटक बरामदगी पर मुस्लिम समुदाय पर सवाल

जम्मू-कश्मीर पुलिस की कार्रवाई पर गिरिराज सिंह की प्रतिक्रिया

जम्मू-कश्मीर पुलिस ने हरियाणा के फरीदाबाद से बड़ी मात्रा में विस्फोटक सामग्री जब्त की और एक डॉक्टर को गिरफ्तार किया। इस घटना के बाद केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने मुस्लिम समुदाय पर विवादास्पद टिप्पणी की, जिसमें उन्होंने सवाल उठाया कि आरोपी एक ही समुदाय से क्यों हैं। सोमवार को एक समाचार एजेंसी से बातचीत करते हुए, उन्होंने इस मामले की तुलना 1993 के मुंबई बम धमाकों से की और केंद्र सरकार की कार्रवाई की सराहना की।


गिरिराज सिंह का बयान और विपक्ष पर आरोप

सिंह ने कहा कि मोदी सरकार और राज्य सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लिया है, लेकिन यह मुंबई धमाकों से भी अधिक खतरनाक हो सकता था। उन्होंने बाबा बागेश्वर की यात्रा का उल्लेख करते हुए कहा कि यदि उस पर हमला होता, तो परिणाम गंभीर हो सकते थे। गिरिराज सिंह ने यह भी आरोप लगाया कि जब भी ऐसे मामले सामने आते हैं, आरोपी हमेशा एक ही समुदाय से होते हैं, और इस बार एक मुस्लिम डॉक्टर को गिरफ्तार किया गया है।


विपक्ष की चुप्पी पर सवाल

उन्होंने विपक्षी नेताओं, जैसे राहुल गांधी, लालू प्रसाद यादव, और अखिलेश यादव पर आरोप लगाया कि वे इस गंभीर मुद्दे पर चुप हैं। सिंह ने कहा कि यह निंदनीय है और लोगों को इस पर चिंता करनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि जो लोग आतंकवाद को धर्म से अलग मानते हैं, उनसे सवाल किया कि पकड़े गए सभी आतंकवादी मुस्लिम धर्म से ही क्यों होते हैं।


जम्मू-कश्मीर पुलिस की कार्रवाई

आज सुबह, जम्मू-कश्मीर पुलिस ने जांच के दौरान भारी मात्रा में आईईडी बनाने की सामग्री और गोला-बारूद बरामद किया। इस मामले में और जानकारी का इंतजार किया जा रहा है। गिरिराज सिंह पहले भी अपने सांप्रदायिक बयानों के लिए चर्चा में रहे हैं। पिछले महीने, बिहार विधानसभा चुनाव से पहले एक रैली में उनके 'नमक हराम' बयान के लिए उन्हें आलोचना का सामना करना पड़ा था।