गाजीपुर में सब्जी विक्रेता के खाते में 172 करोड़ का रहस्य

गाजीपुर में एक सब्जी विक्रेता को उसके बैंक खाते में 172.81 करोड़ रुपये के लेन-देन के लिए आयकर विभाग से नोटिस मिला है। विनोद रस्तोगी का कहना है कि उन्हें इस मामले की कोई जानकारी नहीं है और उनका आरोप है कि किसी ने उनके दस्तावेजों का गलत इस्तेमाल किया है। इस मामले में जांच जारी है, और रस्तोगी ने स्थानीय पुलिस से भी संपर्क किया है। जानें इस अजीबोगरीब घटना के बारे में और क्या है इसके पीछे की सच्चाई।
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गाजीपुर में सब्जी विक्रेता के खाते में 172 करोड़ का रहस्य

गाजीपुर में सब्जी विक्रेता का बैंक खाता विवाद


गाजीपुर से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां एक सब्जी विक्रेता को उसके बैंक खाते में 172.81 करोड़ रुपये के लेन-देन के लिए आयकर विभाग से नोटिस प्राप्त हुआ है। सब्जी विक्रेता, विनोद रस्तोगी, का कहना है कि उन्हें इस मामले की कोई जानकारी नहीं है। उनका आरोप है कि किसी ने उनके दस्तावेजों का गलत इस्तेमाल कर खाता खोला है।


गहमर के मैगर राव पट्टी के निवासी रस्तोगी को वाराणसी सर्किल से एक नोटिस भेजा गया है। इस नोटिस में कहा गया है कि यूनियन बैंक में उनके नाम से खोले गए खाते में 172.81 करोड़ रुपये हैं, जिनका टैक्स नहीं भरा गया है। नोटिस मिलने के बाद, रस्तोगी आयकर कार्यालय पहुंचे और इस मामले की जानकारी हासिल करने का प्रयास किया। उन्हें बताया गया कि जिस खाते का जिक्र किया जा रहा है, वह उन्होंने खोला ही नहीं है और न ही उन्होंने इतनी बड़ी राशि का कोई लेन-देन किया है।


आयकर विभाग ने रस्तोगी को आश्वासन दिया है कि तथ्यों की जांच की जाएगी। 26 फरवरी को उन्हें नोटिस मिला था, जिसमें उनसे पैसे के स्रोत के बारे में जानकारी मांगी गई थी। इस नोटिस के बाद, रस्तोगी ने स्थानीय पुलिस से संपर्क किया, जहां उन्हें साइबर सेल के पास भेजा गया। साइबर सेल ने रस्तोगी से कुछ दस्तावेजों की मांग की है। बताया जा रहा है कि छह महीने पहले भी उन्हें आयकर विभाग से एक नोटिस मिली थी।


साइबर सेल के प्रभारी वैभव मिश्रा ने कहा कि रस्तोगी उनके कार्यालय में आए थे और आयकर विभाग के नोटिस को दिखाते हुए घटनाक्रम का जिक्र किया। जांच के दौरान रस्तोगी से कुछ दस्तावेज उपलब्ध कराने के लिए कहा गया है। ग्रामीणों का कहना है कि इस मामले से परेशान होकर रस्तोगी अपने घर में ताला लगाकर कहीं चले गए हैं।