गाजा में इजरायली हमले में पांच अल जज़ीरा पत्रकारों की मौत

गाजा में पत्रकारों पर हमला
गाजा के अल-शिफा अस्पताल के बाहर एक लक्षित इजरायली हमले में कम से कम पांच अल जज़ीरा पत्रकारों की जान चली गई। यह हमला इजराइल-गाजा संघर्ष के दौरान मीडिया कर्मियों पर हुए सबसे घातक हमलों में से एक माना जा रहा है। इस हमले में अल जज़ीरा के संवाददाता अनस अल-शरीफ और मोहम्मद क़रेइक़ेह, साथ ही कैमरा ऑपरेटर इब्राहीम ज़ाहर और मोहम्मद नूफल, और मोआमेन अलीवा की मौत हुई।
हमले के तुरंत बाद, इजरायली सेना ने एक पोस्ट में अल-शरीफ की हत्या की पुष्टि की, जिसमें आरोप लगाया गया कि वह एक हमास आतंकवादी सेल का प्रमुख था और उसने इजरायली नागरिकों और आईडीएफ सैनिकों पर रॉकेट हमले किए। इजरायली रक्षा बलों ने लिखा, 'हमले में मारे गए अनस अल-शरीफ, जो अल जज़ीरा के पत्रकार के रूप में काम कर रहा था, वास्तव में एक हमास आतंकवादी थे।'
🎯STRUCK: Hamas terrorist Anas Al-Sharif, who posed as an Al Jazeera journalist
Al-Sharif was the head of a Hamas terrorist cell and advanced rocket attacks on Israeli civilians and IDF troops.
Intelligence and documents from Gaza, including rosters, terrorist training lists and… pic.twitter.com/ypFaEYDHse— Israel Defense Forces (@IDF) August 10, 2025
इजरायली सेना ने यह भी कहा कि अनस अल-शरीफ अल जज़ीरा में एक हमास ऑपरेटीव था, और उनके पास ऐसे दस्तावेज हैं जो इसकी पुष्टि करते हैं। अल जज़ीरा मीडिया नेटवर्क ने इस हमले की कड़ी निंदा की और इसे 'पत्रकारिता की स्वतंत्रता पर एक और स्पष्ट और पूर्व-निर्धारित हमला' बताया।
नेटवर्क ने कहा, 'यह हमला गाजा पर चल रहे इजरायली हमले के भयानक परिणामों के बीच हुआ है, जिसमें नागरिकों का निरंतर नरसंहार, मजबूर भूख, और पूरे समुदायों का विनाश शामिल है।' न्यूयॉर्क स्थित पत्रकारों की सुरक्षा समिति (CPJ) ने पुष्टि की है कि 7 अक्टूबर 2023 से अब तक कम से कम 186 पत्रकारों की हत्या की जा चुकी है।
यह हमला उस समय हुआ जब इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने विदेशी मीडिया को बताया कि उन्होंने सेना को गाजा पट्टी में अधिक विदेशी पत्रकारों को प्रवेश देने के लिए निर्देशित किया है।
अल-शरीफ का अंतिम संदेश
28 वर्षीय अनस अल-शरीफ ने अपनी मौत से कुछ समय पहले बताया था कि गाजा सिटी में इजरायली आक्रमण तेज हो गया है। उनकी मृत्यु के बाद, उनके सोशल मीडिया खाते से एक पूर्व-लिखित पोस्ट साझा की गई, जिसमें लिखा था, 'यदि ये शब्द आप तक पहुंचते हैं, तो जान लें कि इजराइल ने मुझे मारने और मेरी आवाज को चुप कराने में सफलता प्राप्त की है।'
هذه وصيّتي، ورسالتي الأخيرة.
إن وصلَتكم كلماتي هذه، فاعلموا أن إسرائيل قد نجحت في قتلي وإسكات صوتي.
بداية السلام عليكم ورحمة الله وبركاتهيعلم الله أنني بذلت كل ما أملك من جهدٍ وقوة، لأكون سندًا وصوتًا لأبناء شعبي، مذ فتحت عيني على الحياة في أزقّة وحارات مخيّم جباليا للاجئين،…
— أنس الشريف Anas Al-Sharif (@AnasAlSharif0) August 10, 2025