गाजा में इजराइली हमलों के बीच सोनिया गांधी की मोदी पर तीखी टिप्पणी

गाजा में इजराइली हमलों के चलते 92 लोगों की मौत हो गई है, जिसमें कई सहायता की तलाश में थे। कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने पीएम मोदी की चुप्पी को नैतिक कायरता बताया और कहा कि भारत को इस मानवीय संकट पर स्पष्ट आवाज उठानी चाहिए। उन्होंने पिछले दो वर्षों में मारे गए फलस्तीनी नागरिकों की संख्या का जिक्र करते हुए अंतरराष्ट्रीय समुदाय की जिम्मेदारियों पर भी प्रकाश डाला। सोनिया ने भारत की ऐतिहासिक भूमिका को याद करते हुए कहा कि अब समय है कि मोदी साहसिकता से अपनी आवाज उठाएं।
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गाजा में इजराइली हमलों के बीच सोनिया गांधी की मोदी पर तीखी टिप्पणी

गाजा में मानवीय संकट और इजराइली हमले

गाजा में इजराइली गोलीबारी के चलते कम से कम 92 लोगों की जान गई है, जिनमें 41 लोग ऐसे हैं जो सहायता की तलाश में थे। अमेरिकी राष्ट्रपति और ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने गाजा में हो रही मानवीय आपदा पर चर्चा की और इस संकट को समाप्त करने के लिए तात्कालिक कदम उठाने की आवश्यकता पर सहमति जताई। वहीं, भारत में विपक्षी दल गाजा के मुद्दे पर प्रधानमंत्री मोदी को घेरने की कोशिश कर रहे हैं.


सोनिया गांधी की आलोचना

कांग्रेस की नेता सोनिया गांधी ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गाजा पर चुप्पी को नैतिक कायरता करार दिया। उन्होंने एक लेख में कहा कि अब समय आ गया है कि मोदी उस विरासत की ओर से स्पष्ट आवाज उठाएं, जिसका भारत प्रतिनिधित्व करता आया है। उन्होंने इजराइल में निर्दोष नागरिकों पर हमलों की निंदा की और कहा कि गाजा में इजराइली सरकार की प्रतिक्रिया पूरी तरह से आपराधिक है.


गाजा में मारे गए नागरिकों की संख्या

सोनिया गांधी ने बताया कि पिछले दो वर्षों में 55,000 से अधिक फलस्तीनी नागरिक मारे गए हैं, जिनमें 17,000 बच्चे शामिल हैं। उन्होंने कहा कि यह शर्म की बात है कि भारत इस मानवीय संकट पर मूकदर्शक बना हुआ है, जबकि अन्य देशों ने इजराइली नेताओं पर प्रतिबंध लगाए हैं.


भारत की भूमिका और नैतिकता

सोनिया गांधी ने यह भी कहा कि भारत हमेशा वैश्विक न्याय का प्रतीक रहा है और उसने उपनिवेशवाद के खिलाफ आवाज उठाई है। उन्होंने कहा कि जब निर्दोष लोगों का संहार हो रहा है, तब भारत का चुप रहना हमारे मूल्यों के प्रति विश्वासघात है. उन्होंने यह भी याद दिलाया कि भारत ने हमेशा दो-राष्ट्र समाधान का समर्थन किया है और इजराइल-फलस्तीन के बीच न्यायसंगत शांति की आवश्यकता पर जोर दिया है.


आगे की दिशा

सोनिया गांधी ने कहा कि आज पूरी मानवता इस मुद्दे पर भारत के नेतृत्व की प्रतीक्षा कर रही है, और यह समय है कि मोदी साहसिकता से अपनी आवाज उठाएं.