गांधी परिवार को नेशनल हेराल्ड मामले में मिली राहत, कांग्रेस ने कहा सत्य की जीत

नेशनल हेराल्ड मामले में दिल्ली की राउज एवेन्यू अदालत ने गांधी परिवार को राहत दी है, जिससे कांग्रेस ने इसे सत्य की जीत बताया है। भाजपा ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मामला अभी खत्म नहीं हुआ है। अदालत ने ईडी की जांच को एक निजी शिकायत के आधार पर शुरू होने की बात कही है। कांग्रेस ने इसे राजनीतिक प्रेरित कार्रवाई करार दिया है, जबकि भाजपा ने आरोपों को निराधार बताया है। जानें इस मामले का राजनीतिक और कानूनी महत्व क्या है।
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गांधी परिवार को नेशनल हेराल्ड मामले में मिली राहत, कांग्रेस ने कहा सत्य की जीत

नेशनल हेराल्ड मामले में अदालत का निर्णय

नेशनल हेराल्ड केस में गांधी परिवार को एक महत्वपूर्ण राहत मिली है। कांग्रेस ने इसे सत्य की विजय बताया है, जबकि भाजपा ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि गांधी परिवार को बरी नहीं किया गया है। दिल्ली की राउज एवेन्यू अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दायर की गई ताज़ा एफआईआर पर कार्यवाही करने से मना कर दिया है। अदालत ने स्पष्ट किया कि ईडी की जांच एक नियमित एफआईआर के बजाय एक निजी शिकायत के आधार पर शुरू हुई थी, इसलिए इस स्तर पर संज्ञान लेना कानून के दायरे में नहीं आता।


अदालत का आदेश और कांग्रेस की प्रतिक्रिया

अदालत ने यह भी कहा कि राहुल गांधी, सोनिया गांधी और अन्य आरोपियों को इस चरण में एफआईआर की प्रति देने का कोई अधिकार नहीं है। हालांकि, ईडी को आगे की जांच जारी रखने की अनुमति दी गई है। अदालत ने यह स्पष्ट किया कि यह मामला भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा दायर निजी शिकायत से संबंधित है, न कि किसी नियमित पुलिस एफआईआर से।


कांग्रेस का आक्रामक रुख

इस फैसले के बाद कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। पार्टी ने ईडी की कार्यवाही को राजनीतिक प्रेरित और कानूनी रूप से अस्थिर बताया। कांग्रेस का कहना है कि अदालत ने स्पष्ट किया है कि बिना एफआईआर के ईडी की कार्यवाही अधिकार क्षेत्र से बाहर थी। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर कांग्रेस ने लिखा कि “सच्चाई की जीत हुई है” और मोदी सरकार की “दुर्भावना और गैरकानूनी रवैये” का पर्दाफाश हो गया है।


भाजपा का जवाब

भाजपा ने कांग्रेस के आरोपों को खारिज कर दिया है। वरिष्ठ भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि जब निजी शिकायत दर्ज की गई थी, तब नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री नहीं थे और यह मामला 2008 से जुड़ा हुआ है। उन्होंने कांग्रेस को कानून का सामना करने की सलाह दी।


कानूनी और राजनीतिक परिप्रेक्ष्य

राउज एवेन्यू अदालत का यह निर्णय केवल एक कानूनी आदेश नहीं है, बल्कि यह भारतीय राजनीति और जांच एजेंसियों की भूमिका पर भी सवाल उठाता है। हालांकि, अदालत ने ईडी को आगे की जांच की अनुमति दी है, जिससे मामला पूरी तरह समाप्त नहीं होता। कांग्रेस इसे अपनी नैतिक और राजनीतिक जीत मान रही है, जबकि भाजपा इसे एक तकनीकी अड़चन के रूप में देख रही है।