गले की खराश और खांसी के लिए शहद: एक प्राकृतिक उपाय

गले में खराश और खांसी का घरेलू उपचार
जब गले में खराश या खांसी की समस्या होती है, तो लोग अक्सर कफ सिरप का सहारा लेते हैं। हालांकि, यह राहत तो देता है, लेकिन इसके साथ सुस्ती भी आती है। विशेषकर बच्चों के लिए कफ सिरप का सेवन हानिकारक हो सकता है। इसलिए, कफ सिरप से बचना बेहतर है और घरेलू उपचारों का सहारा लेना चाहिए। शहद एक ऐसा प्राकृतिक उपाय है, जो गले की खराश और खांसी से तुरंत राहत दिला सकता है।
गले में खराश के कारण
गले में खराश का मुख्य कारण वायरल संक्रमण होता है। इसके अलावा, धूम्रपान, एलर्जी, सर्दी या फ्लू, लैरींगाइटिस, टोंसिलाइटिस, और ग्लैंडुलर फीवर भी इसके कारण हो सकते हैं। गले की खराश को ठीक करने के लिए गर्म चीजों का सेवन करने की सलाह दी जाती है, जिससे तीन दिन के भीतर राहत मिल सकती है।
शहद का सेवन कैसे करें
शहद का सेवन गले की खराश और खांसी के लिए बहुत फायदेमंद होता है। एक वर्ष या उससे बड़े बच्चों को भी गले की खराश होने पर शहद देने की सलाह दी जाती है। यह एंटीमाइक्रोबियल गुणों से भरपूर होता है, जो गले के दर्द और सूजन को कम करता है।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ एंड केयर एक्सलेंस के अनुसार, गले में खराश या खांसी होने पर शहद का सेवन करना चाहिए।
शहद को हल्के गर्म पानी में मिलाकर दिन में तीन बार पीने से गले का दर्द कम हो सकता है। अदरक के साथ शहद का सेवन भी लाभकारी होता है। अदरक को भूनकर शहद के साथ खाना या अदरक का रस मिलाकर सेवन करना फायदेमंद है।
शहद के अन्य लाभ
1. चोट के घाव को भरने में शहद मददगार होता है।
2. मोटापे को कम करने में भी शहद का सेवन लाभकारी है।
3. चेहरे की नमी बनाए रखने के लिए शहद का उपयोग करें।
शहद के नुकसान
हालांकि, शहद के कुछ नुकसान भी हैं। एक साल से छोटे बच्चों को शहद देना हानिकारक हो सकता है। जिन लोगों का शुगर लेवल अधिक है, उन्हें भी शहद का सेवन नहीं करना चाहिए।