गर्दन और कंधे की जकड़न: कब है सामान्य और कब है गंभीर समस्या?

गर्दन और कंधे की जकड़न: सामान्य या गंभीर?
कंधे की जकड़न या गर्दन में अकड़न एक सामान्य समस्या हो सकती है। घरेलू उपायों से इसे ठीक किया जा सकता है, लेकिन यदि लक्षण लगातार बने रहें या गंभीर हो जाएं, तो तुरंत विशेषज्ञ से संपर्क करना चाहिए। सही समय पर उपचार से बड़ी समस्याओं से बचा जा सकता है।
गर्दन या कंधे की जकड़न के कारण
गर्दन या कंधे में जकड़न अक्सर तनाव या गलत मुद्रा के कारण होती है। यदि दर्द सामान्य तनाव से है, तो हल्की स्ट्रेचिंग और गर्म सिकाई से राहत मिल सकती है। लेकिन अगर लक्षण गंभीर हैं, तो विशेषज्ञ से सलाह लेना आवश्यक है।
कई बार सुबह उठते समय गर्दन में अकड़न या कंधे में भारीपन महसूस होता है। यह लंबे समय तक एक ही स्थिति में बैठने, गलत तरीके से सोने या तनाव के कारण हो सकता है। यदि यह समस्या बार-बार होती है या सिरदर्द, चक्कर, या हाथों में सुन्नपन के साथ होती है, तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
कब है ये सामान्य और कब गंभीर?
गाजियाबाद के जिला अस्पताल में फिजियोथेरेपी विभाग के डॉ. सुधीर यादव के अनुसार, गर्दन या कंधे में हल्की जकड़न अक्सर लंबे समय तक एक ही स्थिति में रहने से होती है। तनाव भी मांसपेशियों में खिंचाव का कारण बनता है। इस तरह की जकड़न आमतौर पर कुछ घंटों या 1 से 2 दिन में हल्की एक्सरसाइज और स्ट्रेचिंग से ठीक हो जाती है।
मामूली लक्षण:
– हल्का दर्द
– थोड़ी मूवमेंट पर आराम
– नींद की कमी या तनाव से जुड़ा होना
– मसाज या गर्म सिकाई से राहत मिलना
गंभीर संकेत:
यदि गर्दन या कंधे की जकड़न के साथ अन्य लक्षण जुड़ जाएं, तो यह गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है। जैसे:
1) सर्वाइकल स्पॉन्डिलोसिस – गर्दन की हड्डियों का घिसना।
2) स्लिप डिस्क – रीढ़ की हड्डी की डिस्क का खिसकना।
3) Frozen Shoulder – हाथ उठाने में कठिनाई।
4) मेनिंजाइटिस – ब्रेन के चारों ओर सूजन।
डॉक्टर से कब मिलें?
यदि घरेलू उपायों, सिकाई या पेनकिलर से राहत नहीं मिलती, तो तुरंत ऑर्थोपेडिक या न्यूरोलॉजिस्ट से संपर्क करना चाहिए। समय पर इलाज से न केवल दर्द से राहत मिलती है, बल्कि भविष्य में होने वाली जटिलताओं से भी बचा जा सकता है।