गरुड़ पुराण में बताए गए पांच महापाप: जानें क्या हैं ये गंभीर अपराध
गरुड़ पुराण: एक महत्वपूर्ण धार्मिक ग्रंथ
गरुड़ पुराण
गरुड़ पुराण: यह एक प्रमुख हिंदू धार्मिक ग्रंथ है, जिसे 18 महापुराणों में शामिल किया गया है। यह पुराण भगवान श्री हरि विष्णु और गरुड़ के बीच संवाद पर आधारित है। इसमें जीवन, मृत्यु, आत्मा की यात्रा, स्वर्ग, नरक, मोक्ष और पाप-पुण्य के विषय में विस्तृत जानकारी दी गई है। गरुड़ पुराण में यह चेतावनी दी गई है कि हर व्यक्ति को अपने कर्मों का फल अवश्य भोगना पड़ता है।
इस ग्रंथ में मानव जीवन के पाप और पुण्य का लेखा-जोखा प्रस्तुत किया गया है। जो लोग सही तरीके से जीवन व्यतीत करते हैं, उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है, जबकि पाप करने वाले नरक की कठोर सजा भोगते हैं। गरुड़ पुराण में कुछ कार्यों को महापाप की श्रेणी में रखा गया है। आइए, जानते हैं इन पांच प्रमुख पापों के बारे में।
पांच महापाप
छल करना
किसी का विश्वास तोड़ना या छल करना महापाप है। विश्वासघात से रिश्तों में दरार आती है और इसके परिणाम भयंकर होते हैं।
भ्रूण हत्या
गर्भ में पल रहे जीवन की हत्या को गरुड़ पुराण में सबसे बड़ा पाप माना गया है। इसके परिणाम गंभीर होते हैं, और ऐसा करने वाले को नरक की सजा भोगनी पड़ती है।
सोने की चोरी
सोने या अन्य बहुमूल्य धातुओं की चोरी करना भी एक गंभीर पाप है। यह न केवल धार्मिक दृष्टि से गलत है, बल्कि इसके लिए कानून भी सजा देता है।
पराई स्त्री से संबंध
किसी अन्य व्यक्ति की पत्नी के साथ संबंध रखना महापाप है। इससे व्यक्ति का नैतिक पतन होता है और उसे गंभीर परिणाम भुगतने पड़ते हैं।
दूसरों में लड़ाई कराना
दूसरों के बीच कलह या झगड़े करवाना भी महापाप है। इससे सामाजिक शांति भंग होती है और जीवन में गंभीर समस्याएं उत्पन्न होती हैं।
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