गरुड़ पुराण में जीवन को दुखों से भरने वाली आदतें
गरुड़ पुराण: जीवन के रहस्य
गरुड़ पुराण
गरुड़ पुराण: यह हिंदू धर्म के 18 प्रमुख पुराणों में से एक है, जो भगवान श्री हरि विष्णु और गरुड़ के बीच संवाद पर आधारित है। इसमें जीवन, मृत्यु, आत्मा की यात्रा, पाप और पुण्य के बारे में विस्तार से चर्चा की गई है। गरुड़ पुराण का पाठ अक्सर घर में किसी की मृत्यु के बाद किया जाता है।
इस पुराण में जीवन और मृत्यु के रहस्यों के साथ-साथ कुछ नकारात्मक आदतों का भी उल्लेख किया गया है। यदि किसी व्यक्ति में ये आदतें होती हैं, तो यह उसकी उम्र को कम कर सकती हैं और जीवन में दुखों का कारण बन सकती हैं। आइए जानते हैं गरुड़ पुराण में वर्णित इन नकारात्मक आदतों के बारे में।
दुखों का कारण बनने वाली आदतें
झूठ बोलना और धोखा देना
बुजुर्ग हमेशा बच्चों को सिखाते हैं कि झूठ बोलना और धोखा देना गलत है। गरुड़ पुराण में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि ये कार्य गंभीर पाप माने जाते हैं, जो आत्मा पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं और जीवन में कठिनाइयों को बढ़ाते हैं।
भगवान पर विश्वास न करना
धर्म और सत्य के मार्ग पर चलने की शिक्षा बचपन से दी जाती है। नास्तिकता जीवन को संकट में डाल सकती है, इसलिए भगवान पर विश्वास रखना आवश्यक है। भगवान पर विश्वास न करना मानवता पर विश्वास न करने के समान है।
बड़ों का सम्मान न करना
बच्चों को अपने से बड़े लोगों का सम्मान करना सिखाया जाता है। बड़ों का अनादर अशुभ माना जाता है, जिससे जीवन में सम्मान और सुरक्षा की कमी हो सकती है।
गलत दिशा में सोना
दक्षिण या दक्षिण-पश्चिम दिशा में सिर करके सोना मना किया गया है। ये दिशाएं शास्त्रों में शुभ नहीं मानी जाती हैं और इन दिशाओं में सोने से जीवन में अशांति आ सकती है।
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