गरुड़ पुराण: मृत्यु के समय चुप रहने का रहस्य

गरुड़ पुराण में मृत्यु के समय चुप रहने के पीछे के रहस्यों का खुलासा किया गया है। यह लेख बताता है कि कैसे मृत्यु एक अंत नहीं, बल्कि एक नई शुरुआत है। जानें यमदूतों के आगमन के समय व्यक्ति के अनुभव और गरुड़ पुराण में इस विषय पर क्या कहा गया है। यह जानकारी आपको मृत्यु के बारे में एक नई दृष्टि प्रदान करेगी।
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गरुड़ पुराण: मृत्यु के समय चुप रहने का रहस्य

गरुड़ पुराण का महत्व

गरुड़ पुराण: मृत्यु के समय चुप रहने का रहस्य

गरुड़ पुराण

गरुड़ पुराण: हर जीव को इस संसार से विदाई लेनी होती है। मृत्यु एक अनिवार्य सत्य है, फिर भी मनुष्य को इससे सबसे अधिक भय लगता है। इस भय का मुख्य कारण मृत्यु के समय होने वाली पीड़ा और शरीर के त्याग का रहस्य है। श्रीमद्भागवत गीता और गरुड़ पुराण में मृत्यु को एक कष्टदायक प्रक्रिया नहीं, बल्कि एक आवश्यक परिवर्तन के रूप में देखा गया है।

जब किसी व्यक्ति की मृत्यु निकट होती है, तो अक्सर उसकी आवाज बंद हो जाती है। क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों होता है? आइए जानते हैं गरुड़ पुराण में इस विषय पर क्या कहा गया है।


मृत्यु: अंत नहीं, एक नई शुरुआत

मृत्यु अंत नहीं, बल्कि नया आरंभ

भगवान श्रीकृष्ण ने श्रीमद्भागवत गीता में कहा है कि मृत्यु केवल एक अंत नहीं है, बल्कि यह एक नई शुरुआत है। जैसे व्यक्ति पुराने कपड़े उतारकर नए पहनता है, आत्मा भी मृत शरीर को छोड़कर एक नई यात्रा पर निकलती है। यह एक स्वाभाविक प्रक्रिया है, लेकिन मोह-माया इसे कठिन बना देती है।


गरुड़ पुराण के अनुसार मृत्यु का अनुभव

गरुड़ पुराण के अनुसार…

गरुड़ पुराण में कहा गया है कि जब मृत्यु का समय आता है, तो व्यक्ति की इंद्रियां कमजोर पड़ने लगती हैं। बोलने की क्षमता समाप्त हो जाती है, जिससे वह अपने परिवार को कुछ नहीं बता पाता। इस दौरान, व्यक्ति को दिव्य दृष्टि प्राप्त होती है, जिससे वह अपने जीवन की घटनाओं को देखता है।


यमदूतों का आगमन

यमदूतों के पहुंचने के बाद क्या होता है?

अंतिम क्षणों में व्यक्ति को यमराज के दूत दिखाई देते हैं। यमदूतों को देखकर व्यक्ति इतना भयभीत हो जाता है कि वह मल-मूत्र तक त्याग देता है। कहा जाता है कि जब यमदूत प्राणों को खींचते हैं, तो व्यक्ति को 100 बिच्छुओं के डंक के समान दर्द होता है। उसका गला सूख जाता है और वह छटपटाता है, लेकिन आवाज न निकलने के कारण वह चिल्ला नहीं पाता।