गरीबी और प्रेम की कहानी: पति ने पत्नी के शव को कंधे पर लादकर किया सफर

यह कहानी एक पति के अटूट प्रेम की है, जिसने अपनी पत्नी के शव को कंधे पर लादकर मीलों पैदल चलने का साहस दिखाया। ओडिशा में दाना मांझी की घटना से लेकर कोरापुट जिले में सामुलु पांगी की कठिनाई तक, ये घटनाएं भारतीय स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति को उजागर करती हैं। जानिए कैसे पुलिस ने मदद की और समाज में व्याप्त समस्याओं पर विचार करें।
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गरीबी और प्रेम की कहानी: पति ने पत्नी के शव को कंधे पर लादकर किया सफर

एक दर्दनाक प्रेम कहानी

यह एक ऐसी कहानी है जो गरीबी, बेबसी और एक पति के अपनी मृत पत्नी के प्रति गहरे प्रेम को दर्शाती है, जिसने पूरे देश को झकझोर दिया। एक दृश्य में, एक व्यक्ति अपनी पत्नी के शव को कंधे पर उठाए मीलों पैदल चलता रहा, क्योंकि उसे अस्पताल से एम्बुलेंस नहीं मिली। जब पुलिस ने उसे देखा, तो जो दृश्य सामने आया, वह दिल को छू लेने वाला था।


ओडिशा में दाना मांझी की घटना

यह घटना 2016 में ओडिशा के कालाहांडी जिले के भवानीपटना में हुई, जब दाना मांझी नामक एक आदिवासी व्यक्ति को अपनी पत्नी अमांग देई का शव अपने गाँव ले जाने के लिए एम्बुलेंस नहीं मिली। अस्पताल प्रशासन द्वारा एम्बुलेंस की व्यवस्था न होने पर, दाना मांझी ने अपनी 12 वर्षीय बेटी के साथ मिलकर पत्नी के शव को कंधे पर लादकर लगभग 10 किलोमीटर पैदल चलने का निर्णय लिया। यह घटना अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में आई और भारत में ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति पर गंभीर सवाल उठाए।


कोरापुट जिले की एक और घटना

ओडिशा के कोरापुट जिले में 2023 में एक और दिल दहला देने वाली घटना सामने आई। 35 वर्षीय सामुलु पांगी अपनी पत्नी इडे गुरु के साथ पड़ोसी आंध्र प्रदेश के अस्पताल से लौट रहे थे, जहाँ उनकी पत्नी का इलाज चल रहा था। लौटते समय, उनकी पत्नी की रास्ते में ही मृत्यु हो गई। ऑटो चालक ने शव को आगे ले जाने से मना कर दिया और उन्हें चेलूरू रिंग रोड पर छोड़ दिया।


सामुलु पांगी की कठिनाई

सामुलु पांगी के पास दूसरा वाहन किराए पर लेने के लिए पैसे नहीं थे, और उनका गाँव लगभग 80 किलोमीटर दूर था। ऐसे में, उन्होंने पत्नी के शव को कंधे पर लादकर राष्ट्रीय राजमार्ग पर पैदल चलने का निर्णय लिया। उनका दिल टूट रहा था, लेकिन पत्नी को अंतिम विदाई देने का उनका संकल्प अडिग था।


पुलिस की मदद

कुछ किलोमीटर चलने के बाद, स्थानीय लोगों ने सामुलु पांगी को देखा और तुरंत पुलिस को सूचित किया। आंध्र प्रदेश की पुलिस मौके पर पहुँची। शुरुआत में भाषा की बाधा के कारण पांगी की बात समझने में कठिनाई हुई, लेकिन एक स्थानीय व्यक्ति की मदद से स्थिति स्पष्ट हुई। पुलिस ने मानवीयता का परिचय देते हुए सामुलु पांगी की मदद का निर्णय लिया।


समाज में चिंताएं

ये घटनाएं भारतीय समाज की गहरी समस्याओं को उजागर करती हैं, जहाँ ग्रामीण और गरीब तबके के लोगों को बुनियादी सुविधाओं के लिए संघर्ष करना पड़ता है। अस्पताल से एम्बुलेंस न मिलना और वित्तीय असमर्थता जैसी समस्याएं हमें सोचने पर मजबूर करती हैं कि स्वास्थ्य सेवाओं तक समान पहुँच सुनिश्चित करने के लिए कितना काम बाकी है। हालांकि, पुलिस और कुछ नेक लोगों की तत्परता ऐसे दुखद पलों में इंसानियत की एक नई रोशनी दिखाती है।