गरियाबंद में धान खरीद में बढ़ी समस्या, मिलरों का उठाव में कमी

गरियाबंद में धान खरीद की स्थिति गंभीर हो गई है, जहां बफर लिमिट से अधिक धान की खरीद हो चुकी है। मिलरों की कमी और लंबित भुगतान के कारण उठाव में बाधा आ रही है। जिला विपणन अधिकारी ने उठाव प्रक्रिया को तेज करने की बात कही है, लेकिन यदि स्थिति में सुधार नहीं हुआ, तो कई केंद्रों पर खरीद बंद हो सकती है। जानें इस मुद्दे के पीछे की पूरी कहानी।
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गरियाबंद में धान खरीद में बढ़ी समस्या, मिलरों का उठाव में कमी

धान खरीद में बफर लिमिट से अधिक मात्रा

गरियाबंद के देवभोग और गोहरापदर में कुल 27 खरीदी केंद्रों पर धान की खरीद बफर लिमिट से ढाई गुना अधिक हो गई है। इस स्थिति के कारण मिलर धान उठाने में हिचकिचा रहे हैं। शाखा प्रबंधकों ने उच्च अधिकारियों को पत्र लिखकर उठाव की आवश्यकता और संभावित खरीद बंद होने की चिंता व्यक्त की है.


खरीदी केंद्रों की स्थिति

देवभोग के 10 खरीदी केंद्रों की बफर लिमिट 1 लाख 2000 क्विंटल थी, जबकि यहां 2 लाख 41546 क्विंटल धान की खरीद हो चुकी है। इसी तरह गोहरापदर के 17 केंद्रों की बफर लिमिट 1 लाख 69200 क्विंटल थी, लेकिन यहां 3 लाख 45214 क्विंटल धान की खरीद हुई है। इस बढ़ती मात्रा के कारण रखरखाव में कठिनाई आ रही है.


उठाव की आवश्यकता

देवभोग केंद्र के अधिकारी कुंज बिहारी बेहरा ने बताया कि निर्धारित लिमिट से अधिक खरीद के कारण धान के रखरखाव में समस्या उत्पन्न हो रही है। यदि इस सप्ताह उठाव नहीं हुआ, तो अगले सप्ताह कई केंद्रों पर खरीद बंद करने की स्थिति उत्पन्न हो सकती है.


मिलरों की स्थिति

जिले में लगभग 60 मिलर हैं, जिनमें से 24 ने अनुबंध किया है। 22 मिलरों को अपात्र श्रेणी में रखा गया है। इसके अलावा, पिछले साल के परिवहन चार्ज और कस्टम मिलिंग के बिलिंग का करोड़ों का भुगतान लंबित है, जिससे कई मिलर धान उठाने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं.


उठाव प्रक्रिया की शुरुआत

जिला विपणन अधिकारी किशोर चंद्रा ने कहा कि ट्रांसपोर्टर के साथ अनुबंध के बाद राज्य समिति की स्वीकृति प्रक्रिया पूरी हो गई है। कुछ स्थानों पर उठाव शुरू हो चुका है और सोमवार से देवभोग क्षेत्र से उठाव किया जाएगा।