गणेशोत्सव को महाराष्ट्र राज्य उत्सव का दर्जा, राजनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण कदम
महाराष्ट्र सरकार ने गणेशोत्सव को आधिकारिक रूप से 'महाराष्ट्र राज्य उत्सव' घोषित किया है। यह निर्णय मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा लिया गया है और इसे राजनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। गणेशोत्सव का इतिहास 1893 से जुड़ा है, जब लोकमान्य तिलक ने इसे एकता और प्रतिरोध का प्रतीक बनाया। इस कदम से भाजपा सरकार परंपरा का सम्मान कर रही है और इसे आगामी नगर निकाय चुनावों से पहले हिंदुत्व का संकेत भी माना जा रहा है।
Jul 10, 2025, 16:54 IST
|

गणेशोत्सव का आधिकारिक दर्जा
महाराष्ट्र सरकार ने गणेशोत्सव को 'महाराष्ट्र राज्य उत्सव' के रूप में मान्यता दी है। यह निर्णय त्योहारों के मौसम से पहले लिया गया है, जिसकी जानकारी मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दी। राज्य में गणेशोत्सव का ऐतिहासिक महत्व है, और इसका सार्वजनिक उत्सव 1893 से शुरू हुआ, जब लोकमान्य तिलक ने इसे औपनिवेशिक शासन के खिलाफ एकता और प्रतिरोध का प्रतीक बनाया।
राजनीतिक और सांस्कृतिक महत्व
इस उत्सव को आधिकारिक राज्य उत्सव का दर्जा देकर, भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार न केवल परंपरा का सम्मान कर रही है, बल्कि यह महत्वपूर्ण निकाय चुनावों से पहले एक मजबूत हिंदुत्व का संकेत भी दे रही है। यह कदम एक सांस्कृतिक प्रतिबद्धता के रूप में देखा जा रहा है, जो राज्य में गणेशोत्सव के महत्व को और बढ़ाता है।
गणेशोत्सव का ऐतिहासिक संदर्भ
गणेशोत्सव का महत्व राज्य में गहरा है, और इसकी शुरुआत 1893 में हुई थी, जब लोकमान्य तिलक ने इसे एकता और प्रतिरोध का प्रतीक बनाया। आधिकारिक राज्य उत्सव का दर्जा मिलने से, भाजपा सरकार परंपरा को मान्यता दे रही है और इसे राजनीतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण मान रही है, जिसे कई लोग नगर निकाय चुनावों से पहले हिंदुत्व का एक मजबूत संकेत मानते हैं।