गणेशोत्सव 2023: शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
गणेशोत्सव की तैयारी

नई दिल्ली- श्री गणेशोत्सव 22 अगस्त, शनिवार से आरंभ होने वाला है। कोरोना के कारण हालात में बदलाव आया है। बाजारों में गणेशोत्सव की रौनक का इंतजार है, लेकिन श्रद्धालुओं में उत्साह बना हुआ है। हालांकि, कई स्थानों पर गणेश मूर्तियों की स्थापना नहीं होगी और पिछले वर्षों की तरह कार्यक्रम भी नहीं होंगे। फिर भी, घरों में गणेशोत्सव की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। ऐसा प्रतीत होता है कि गणपति के आगमन के साथ शहर भगवान गणेश के रंग में रंग जाएगा।
गणेश जी का महत्व
सनातन धर्म में गणेश जी का स्थान अत्यंत महत्वपूर्ण है, उन्हें विघ्नहर्ता के नाम से भी जाना जाता है। गणेश चतुर्थी पर लोग अपने घरों में गणेश भगवान की प्रतिमा स्थापित करते हैं और उसकी प्राण प्रतिष्ठा करते हैं। गणेश चतुर्थी तक रतजगा, गणेश भगवान के भजन, अखंड दीपक और पूजा-पाठ का आयोजन होता है। अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश भगवान को विदाई दी जाती है।
गणेश जी को प्रसन्न करने का मंत्र
इस मंत्र का करें जाप विघ्नहर्ता होंगे प्रसन्न

यदि आप घर में गणेश जी की स्थापना कर रहे हैं, तो ध्यान रखें कि बप्पा की आरती सुबह और शाम दोनों समय करनी चाहिए। गणेश जी की कथा और गणेश चालीसा का पाठ अवश्य करें और “ओम् गं गणपतये नमः” मंत्र का एक माला जाप करें।
गणेश जी की स्थापना का शुभ मुहूर्त
गणेश जी को घर में स्थापित करने का शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 21 अगस्त, शुक्रवार की रात 11:02 बजे से शुरू होगी और 22 अगस्त, शनिवार को शाम 07:57 बजे तक रहेगी। इस दिन हस्त नक्षत्र भी शाम 7:10 बजे तक रहेगा। शास्त्रों के अनुसार, इस दिन वर्णित चौघड़िया मुहूर्त शुभता प्रदान करने वाला है।
पंचांग के अनुसार, 22 अगस्त को दोपहर 12:22 बजे से शाम 4:48 बजे तक चर, लाभ और अमृत के चौघड़िया हैं। इस चौघड़िया मुहूर्त में गणेश जी की स्थापना करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
गणेश चतुर्थी पर ध्यान रखने योग्य बातें
ये कार्य भूल कर भी न करें
इस दिन ध्यान देने योग्य बात यह है कि भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया को चंद्रमा का दर्शन शुभ नहीं माना गया है। यदि आपने इस दिन चंद्रमा का दर्शन कर लिया, तो आप पर कलंक या गलत आरोप लग सकता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, गणेश चतुर्थी को चंद्रमा दर्शन के कारण भगवान कृष्ण पर स्यमन्तक मणि चोरी करने का मिथ्या आरोप लगा था। यदि इस दिन भूलवश चंद्रमा के दर्शन हो भी जाएं, तो अगले दिन गरीबों को सफेद खाद्य पदार्थों का दान करना चाहिए।