गणतंत्र दिवस परेड में दिल्ली और हरियाणा की झांकियों का अस्वीकृति
गणतंत्र दिवस परेड की तैयारी
नई दिल्ली
दिल्ली में गणतंत्र दिवस परेड के लिए राज्य सरकारों ने रक्षा मंत्रालय को अपने प्रस्ताव भेज दिए हैं। इस बार हरियाणा की झांकी को अस्वीकृत कर दिया गया है। इसके अलावा, 26 जनवरी को होने वाली परेड में दिल्ली की झांकी भी शामिल नहीं होगी, क्योंकि दिल्ली सरकार ने इस वर्ष कोई प्रस्ताव नहीं भेजा। पिछले वर्ष, 76वें गणतंत्र दिवस परेड में, दिल्ली की झांकी को पाँच वर्षों के बाद शामिल किया गया था, जो शिक्षा मॉडल पर आधारित थी।
गणतंत्र दिवस परेड में भाग लेने के लिए राज्य सरकारें अपने प्रस्ताव रक्षा मंत्रालय को प्रस्तुत करती हैं। लेकिन इस बार दिल्ली सरकार ने कोई प्रस्ताव नहीं दिया, जिसके कारण 77वें गणतंत्र दिवस परेड में राजधानी की झांकी नहीं दिखाई देगी। उल्लेखनीय है कि 76वें गणतंत्र दिवस (2025) में शिक्षा मॉडल पर आधारित झांकी को शामिल किया गया था। इससे पहले, 2020 से 2024 तक दिल्ली को परेड में स्थान नहीं मिला था।
हर राज्य की झांकी अपनी संस्कृति, विरासत और जीवनशैली को प्रदर्शित करती है। उदाहरण के लिए, उत्तर प्रदेश की झांकी में बुंदेलखंड के कालिंजर किले का प्रदर्शन किया जाएगा। यह किला विंध्य पर्वतमाला पर स्थित है और चंदेल शासकों के समय में बनाया गया था। यह बुंदेलखंड के इतिहास और सांस्कृतिक धरोहर का एक महत्वपूर्ण प्रतीक है।
हरियाणा की झांकी भी नहीं होगी शामिल
दिल्ली के अलावा, हरियाणा की झांकी भी इस बार गणतंत्र दिवस परेड में शामिल नहीं होगी। हरियाणा सरकार ने रक्षा मंत्रालय को कुल पाँच प्रस्ताव भेजे थे। प्रारंभिक चरण में हिसार जिले के राखीगढ़ी पर आधारित प्रस्ताव को मंजूरी मिली थी, लेकिन बाद में इसे भी अस्वीकार कर दिया गया।
स्वीकृत झांकियों की संख्या
झांकियों के चयन के लिए गठित विशेषज्ञ समिति ने तीन दौर की बैठकों के बाद 17 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की झांकियों को गणतंत्र दिवस परेड में शामिल करने की स्वीकृति दी है। यह माना जा रहा है कि इन राज्यों की सूची लगभग अंतिम है और इसमें बदलाव की संभावना कम है। स्वीकृत राज्यों में पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, राजस्थान, पंजाब, पुडुचेरी, ओडिशा, नागालैंड, मणिपुर, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, केरल, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, गुजरात, छत्तीसगढ़ और असम शामिल हैं।
