गंभीरा पुल ढहने से 13 लोगों की मौत, सुरक्षा चिंताओं की अनदेखी

गंभीरा पुल का ढहना
गुजरात के वडोदरा में पादरा तालुका के मुजपुर और गंभीरा गांवों के बीच स्थित माही नदी पर बना गंभीरा पुल बुधवार सुबह ढह गया, जिससे कम से कम 13 लोगों की जान चली गई। यह घटना तब हुई जब पुल की असुरक्षित स्थिति के बारे में स्थानीय नेताओं द्वारा की गई कई शिकायतों को अधिकारियों ने अनसुना कर दिया।
तीन साल पहले, मुजपुर गांव के निवासी और वडोदरा ज़िला पंचायत के सदस्य हर्षद सिंह परमार ने सड़क एवं भवन विभाग को पत्र लिखकर पुल की जर्जर स्थिति के बारे में चेतावनी दी थी। अगस्त 2022 में, उन्होंने अधिकारियों से अनुरोध किया था कि पुल को असुरक्षित घोषित किया जाए और इसे वाहनों के लिए बंद कर दिया जाए, लेकिन उनकी मांग पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
घटनास्थल पर स्थिति
बुधवार सुबह, पादरा कस्बे के निकट चार दशक पुराने पुल का एक हिस्सा ढह गया, जिसके कारण कई वाहन महिसागर नदी में गिर गए। वडोदरा जिले के पुलिस अधीक्षक रोहन आनंद ने बताया कि रात में नदी से दो और शव बरामद किए गए, जिससे मृतकों की संख्या 13 हो गई। इस घटना में घायल पांच लोगों का इलाज अस्पताल में चल रहा है।
रात में मिले शवों की पहचान मेहराम हथिया (51) और विष्णु रावल (27) के रूप में हुई है। अधिकारियों के अनुसार, गंभीरा-मुजपुर पुल का एक स्लैब बुधवार सुबह करीब सात बजे ढह गया, जिससे पुल पर चल रहे वाहन नदी में गिर गए। आनंद ने बताया कि बचाए गए नौ लोगों में से पांच घायल हैं और उनका इलाज वडोदरा के एसएसजी अस्पताल में किया जा रहा है।
बचाव कार्य
घायलों की स्थिति स्थिर है। एक सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, सड़क एवं भवन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की एक टीम उच्च स्तरीय जांच के लिए बृहस्पतिवार सुबह घटनास्थल पर पहुंची। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और अन्य एजेंसियां नदी में खोज एवं बचाव अभियान चला रही हैं।
विज्ञप्ति में बताया गया है कि वडोदरा के जिलाधिकारी अनिल धमेलिया सहित विभिन्न अधिकारी बृहस्पतिवार सुबह घटनास्थल पर पहुंचे और अभियान का निरीक्षण किया, जबकि राजस्व अधिकारियों और पुलिस की टीम रात भर यहां मौजूद रही।